गोपालगंज जिला प्रशासन ने गायिका प्रियंका सिंह को ब्लैक लिस्ट करने के लिए लिखा पत्र, सिंगर ने दी प्रतिक्र‍िया



गोपालगंज, जागरण संवाददाता: जिला प्रशासन, गोपालगंज ने भोजपुरी गायिका प्रियंका सिंह को ब्लैक लिस्ट करने के लिए कला, संस्कृति एवं युवा मंत्रालय, बिहार सरकार को पत्र लिखा है। इसके माध्यम से प्रियंका की मंत्रालय से संबद्धता समाप्त करने की अनुशंसा की गई है।
दरअसल, थावे महोत्सव के पहले दिन अपने ही शहर में अपमान से व्यथित हो भोजपुरी गायिका प्रियंका सिंह रोने लगी थीं। इस प्रकरण का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर खूब प्रसारित हो रहा है। लोग वीडियो को शेयर करते हुए उनके साथ किए गए दुर्व्यवहार की निंदा कर रहे हैं।

वहीं, जिला प्रशासन ने भी वीडियो शेयर करते हुए विधि व्यवस्था से जुड़ा मामला सामने आने पर कार्यक्रम समाप्त कराने की बात कही थी। पत्र को डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी ने जारी किया है।

पत्र में जिला प्रशासन ने लिखा है कि भोजपुरी गायिका प्रियंका सिंह लगभग सात-आठ गाने गा चुकी थीं। इसी बीच जिला प्रशासन को विधि-व्यवस्था के दृष्टिकोण से कुछ संवेदनशील सूचनाएं प्राप्त हुईं।
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जिले के सीनियर पदाधिकारियों ने मंच पर जाकर कार्यक्रम स्थगित करने का अनुरोध किया। अनुरोध को अनसुना कर प्रियंका सिंह ने अपना कार्यक्रम जारी रखा।
पुनः अन्य माध्यमों से भी उन्हें सूचना दी गई कि तुरंत कार्यक्रम बंद कर दिया जाए, लेकिन प्रियंका सिंह ने अनुरोध की ओर ध्यान नहीं दिया एवं कार्यक्रम जारी रखा।
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बाद में अवांछित एवं अनापेक्षित टिप्पणी करते हुए प्रियंका मंच छोड़कर अपने ग्रीन रूम में चली गईं। डीएम ने ग्रीन रूम में जाकर वस्तुस्थिति को समझाने का प्रयास किया, लेकिन प्रियंका सिंह ने हर बात अनसुनी कर दी।
प्रियंका एवं उनके भाई ने काफी रोषपूर्ण वार्तालाप प्रारंभ किया। दोनों रोष प्रदर्शित करते हुए कार्यक्रम स्थल छोड़कर चले गए।
प्रशासन का कहना है कि उपरोक्त सभी घटनाक्रम में से आधा-अधूरा फुटेज लेकर इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित कराकर लोगों को भ्रमित करने का प्रयास किया जा रहा है।

प्रशासन के ऊपर दोषारोपण कर प्रशासन की छवि धूमिल की जा रही है। प्रियंका सिंह की ओर से आमजनों के बीच भावनात्मक टिप्पणी की जा रही है एवं बेवजह सामाजिक व राजनीतिक मुद्दा बनाया जा रहा है, जो उचित नहीं है।
इस संदर्भ में सभी बातों को स्पष्ट करते हुए जिला प्रशासन की ओर से प्रेस वार्ता कर प्रेस विज्ञप्ति भी जारी की गई है। प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि दिखाए जा रहे वीडियो में स्टेज पर माइक छीनने वाला व्यक्ति प्रियंका का भाई है।

प्रियंका सिंह की ओर से इंटरनेट मीडिया के माध्यम से दुष्प्रचार कर अवांछित कृत्यों को छुपाने का प्रयास किया जा रहा है।
जिला प्रशासन ने कहा कि कला संस्कृति एवं युवा विभाग से ऐसे कलाकारों की संबद्धता अवांछनीय प्रतीत होती है। पूरे घटनाक्रम से ऐसा प्रतीत होता है कि भोजपुरी गायिका एवं उनके टीम ने सोची समझी रणनीति के तहत सस्ती लोकप्रियता हालिस करने के लिए इस प्रकार का दुष्प्रचार किया जा रहा है।


भोजपुरी गायिका प्रियंका सिंह ने फोन पर दैनिक जागरण को बताया कि पत्राचार किया जाना अत्यंत दुखद व निंदनीय है।
यह सुनकर मुझे बचपन में पढ़ी महाकवि रामधारी सिंह दिनकर की कविता याद आ गई। दो न्याय अगर तो आधा दो/ पर, इसमें भी यदि बाधा हो/ तो दे दो केवल पांच ग्राम/ रखो अपनी धरती तमाम...। इस कविता को दोहराते हुए उन्होंने जिला प्रशासन पर निशाना साधा।

उन्‍होंने कहा कि सफल व्यक्ति के कई दुश्मन होते हैं। शक्ति का गलत इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। रावण को भी पराजित होना पड़ा। सत्य की जीत होगी ही। एंंकर की गलती है।
प्रियंका ने कहा, मैंने किसी से कोई बदतमीजी नहीं की। मेरा अपमान किया गया है। मैंने कोई असंवैधानिक कार्य नहीं किया। मैंने अपने आत्मसम्मान के लिए आवाज उठाई। जिला प्रशासन को एंकर के विरुद्ध कार्रवाई करने की जरूरत है।

एंकर को क्यों बचाया जा रहा है? यह बातें कहते हुए फोन पर प्रियंका सिंह भावुक हो गईं। मुझे गलत साबित करने के लिए जिला प्रशासन ने वीडियो को एडिट कर पोस्ट किया है। जिला प्रशासन अपनी नाकामी छुपा रही है। योगी आदित्यनाथ भी विधानसभा में राेए थे, बाद में वे मुख्यमंत्री बने।
थावे प्रखंड स्थित होमगार्ड मैदान में थावे महोत्सव के पहले 15 अप्रैल की रात अंतिम कार्यक्रम गोपालगंज की बेटी प्रियंका सिंह का था। वे भोजपुरी की जानी मानी गायिका हैं।

एक निजी चैनल पर सुर संग्राम में हुई गायन प्रतियोगिता में वे बहुत लोकप्रिय हुई थीं। चूंकि वे इसी शहर की हैं, सो मंच पर आते ही लोगों ने तालियां बजाकर अपनी बेटी का स्वागत किया, लेकिन गाने के दौरान ही उन्हें एंकर रूपम त्रिविक्रम ने बीच में रोक दिया था।
इसके बाद प्रियंका दो मिनट बोलना चाह रही थीं, लेकिन एंकर ने कह दिया बहुत हो गया मैडम, आराम से। उनके हाव भाव ने के लिए प्रियंका को व्यथित कर दिया।

इसके बाद एंकर उद्घोषणा कर सम्मान देने के लिए डीएम को मंच पर बुलाने लगीं। इसी दौरान किसी ने माइक से छोड़ देने की बात कही।
इसके बाद प्रियंका मंच पर ही रोने लगीं। रोते हुए कहा था, यह सही नहीं है। मेरे साथ सही नहीं किया गया। ऐसे किसी कलाकार की बेइज्जती नहीं होनी चाहिए कि कोई कलाकार गा रहा हो और उसे रोक दिया जाए। मैं गाने के लिए मर नहीं रही हूं। थावे महोत्सव में अच्छा अनुभव नहीं रहा। इसका न्याय थावे वाली मां करेंगीं। इस दौरान लोगों में भी आक्रोश था। बाद में डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी ने स्वयं जाकर प्रियंका को मनाने का प्रयास भी किया था।

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