हुजूर! मेरे भैंसे को मुक्त करा दीजिए, उसे बेटे जैसा मानता हूं... CJM कोर्ट में रोहतास के पशुपालक की गुहार



धनंजय पाठक, सासाराम (रोहतास)। अभी तक आपने व्यक्ति, वाहन व अन्य संपत्ति को मुक्त कराने के लिए कोर्ट से गुहार लगाते लोगों को सुना होगा, लेकिन भैंसा को छुड़ाने की मांग को लेकर किसी भी व्यक्ति को न्यायालय की शरण में जाने का यह शायद इस जिले का पहला मामला है।
दरअसल, बिहार के रोहतास जिले में एक ऐसे पशुपालक हैं, जिन्हें अपने भैंसे से इतना अगाध प्रेम है कि वह चोरी हुए भैंसे को पुलिस के बरामद करने लेने के बाद उसे छुड़ाने के लिए कोर्ट पहुंच गए।

पशुपालक ने इस भैंसे को अपने बेटे के समान मानने की भी बात बताई। पशुपालक की ओर से दाखिल अर्जी पर यहां मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने स्थानीय थाने से एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट भी मांग ली है।
जिले के करगहर थाना क्षेत्र के कपटिया गांव के रहने वाले पशुपालक सुरेंद्र सिंह ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में विमुक्ति आवेदन दाखिल किया है।
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आवेदन में पशुपालक ने 14 अप्रैल 2023 को पुलिस द्वारा बरामद किए गए मवेशियों में शामिल भैंसे को अपना होने का दावा कर उसे वापस करने की गुहार लगाई है।
पशुपालक ने कहा है कि मैंने भैंसे को पाल-पोसकर इतना बड़ा किया है। इससे मेरा बहुत लगाव है। इसे हम बेटे के समान मानते हैं।
करगहर थाने के एएसआइ शंभू भगत बताते हैं कि उनके नेतृत्व में निकले गश्ती दल ने सूचना पर स्थानीय थाना क्षेत्र के कुड़ियाड़ी बंगला के समीप एक मैजिक पिकअप पर तस्करी के लिए ले जाए जा रहे एक भैंस के बच्चे (पाड़ी) व एक भैंसा को बरामद किया था।
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बरामद दोनों पशु को सासाराम स्थित गोशाला में रखा गया। इस दौरान पुलिस चार तस्करों को भी गिरफ्तार करने में कामयाब रही।
तस्करों ने पूछताछ में बरामद पशु कपटिया गांव निवासी सुरेंद्र सिंह के बताए। जानकारी मिलने के बाद सुरेंद्र सिंह पहले थाने पहुंचे और अपने भैंसे को मुक्त कराने के लिए आवेदन दिया।
वहां थानाध्यक्ष ने कोर्ट में मामला चलने के कारण कोई भी कार्रवाई कोर्ट के आदेश पर ही करने की बात बताई। इसके बाद वह कोर्ट पहुंचे और सीजेएम के यहां गुहार लगाई।

कोर्ट ने उनकी गुहार सुन थानाध्यक्ष से एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है। रिपोर्ट सामान्य रही तो उन्हें अगले सप्ताह भैंसा मिलने की संभावना है।

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