आदेश की अवहेलना करना छातापुर बीईओ को पड़ा महंगा, प्रपत्र क गठित

जागरण संवाददाता, सुपौल: वरीय पदाधिकारी द्वारा जारी आदेश का अनुपालन सुनिश्चित नहीं करना छातापुर के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को महंगा पड़ा है। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना ने बीईओ के इस आचरण को बिहार सरकारी सेवक आचार नियमावली का उल्लंघन मानते हुए उनके विरुद्ध प्रपत्र क गठित करते हुए निदेशक प्राथमिक शिक्षा बिहार पटना को प्रेषित किया है। बीईओ के विरुद्ध समर्पित आरोप पत्र में डीपीओ स्थापना ने कहा है कि छातापुर प्रखंड स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय नियामतपट्टी तथाकथित शिक्षिका पूनम कुमारी को अवैध रूप से 1 लाख 85 हजार 800 रुपये का भुगतान कर दिया गया था। शिक्षिका से यह राशि वसूली हेतु छातापुर के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी रामनारायण मेहता को आदेश दिया गया था। आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करने हेतु बीईओ को कई बार स्मारित भी किया जाता रहा। लेकिन बीईओ द्वारा आदेश का अनुपालन नहीं किया गया। जारी आदेश में डीपीओ ने कहा है कि अपर मुख्य सचिव शिक्षा विभाग के पत्रांक 3530 दिनांक 7 जून 2019 के आलोक में कार्यालय पत्रांक 1791 दिनांक 29 नवंबर 2019 के द्वारा छातापुर को उक्त शिक्षिका से अवैध भुगतान की गई राशि की वसूली हेतु आदेश दिया गया था। आदेश के बाद जब बीईओ द्वारा उनके विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई तो फिर पत्रांक 2000 दिनांक 10 दिसंबर 2019 के द्वारा उन्हें स्मारित किया गया। बावजूद आदेश का अनुपालन बीईओ द्वारा नहीं किया गया। पत्र में कहा गया है कि आदेश के बावजूद भी बीईओ द्वारा विभागीय निर्देश की अवहेलना, उनके स्वच्छेचारिता एवं कर्तव्य के प्रति लापरवाही को दर्शाता है। इससे प्रतीत होता है कि उसका यह आचरण बिहार सरकारी सेवक आचरण नियमावली के विरुद्ध है।

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क्या था अवैध भुगतान का मामला
दरअसल उत्क्रमित मध्य विद्यालय नियामतपट्टी में 5 शिक्षक के बदले 6 शिक्षक कार्यरत थे। इन 6 शिक्षक में पूनम कुमारी बिना शिक्षक के ही वेतन लेते रहे। इसको लेकर विद्यालय शिक्षा समिति के अध्यक्ष दीपेश कुमार सिंह ने जिला लोक शिकायत निवारण में आवेदन देकर 5 शिक्षक के बदले 6 शिक्षक को वेतन देने समेत प्रधान पर कई गंभीर आरोपों की शिकायत की थी। सुनवाई उपरांत जिला लोक शिकायत निवारण कार्यालय ने पूनम कुमारी को अवैध शिक्षक घोषित करते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी को इनके विरूद्ध कार्यवाही करने तथा राशि वसूली का आदेश पारित किया। आदेश का अनुपालन होते नहीं देख परिवादी ने पुन: आयुक्त सह प्रथम अपीलीय प्राधिकार के पास अपील दायर किया। आयुक्त ने अंतरिम आदेश करते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी सुपौल को तथाकथित शिक्षिका से वेतन मद में दी गई राशि की वसूली करने का आदेश पारित किया। आदेश के पालन हेतु डीईओ ने बीईओ को निर्देशित किया। परंतु बीईओ द्वारा आदेश का अनुपालन नहीं किया गया। प्रथम अपीलीय प्राधिकार के पास अगली सुनवाई 31 जनवरी को होने के कारण जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना ने उक्त बीईओ के विरुद्ध कार्यवाही की है।
Posted By: Jagran
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