किसानों के खलिहान में आग से हजारों की संपति खाक

जहानाबाद। यद्यपि कि अभी गर्मी का मौसम आना बाकी है बावजूद अगलगी की घटनाएं आरंभ हो गई है। इधर एक सप्ताह से घने कोहरे का कहर भी जारी है। बावजूद अगलगी की घटनाएं हो रही है। पिछले साल भी धान की कटनी के समय से ही इस प्रकार की घटना आरंभ हो गई थी। हालांकि इसके बारे में अब तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिल पाई है कि आखिर यह घटना क्यों हुई है। थाना क्षेत्र के जारू गांव में साल के पहले दिन ही रात में दो किसानों के खलिहान में आग लग गई। रात होने के कारण किसानों को इस घटना के बारे में भी काफी विलंब से जानकारी मिली। जब किसानों को लगा कि बधार के उस ओर आग की लपटें निकल रही है जिधर खलिहान लगाया गया था। लपटें देख पीड़ित किसान के साथ ही गांव के लोग दौड़े भी लेकिन तब तक आग दोनो खलिहान में लगी धान की पुंज को अपने आगोश में ले लिया था। पुंज भी पूरी तरह जल चुकी थी। अब तो जिन किसानों की खलिहान जली है उनलोगों के समक्ष आर्थिक संकट भी उत्पन्न होते दिखाई पड़ रहा है। इस संबंध में जब अंचलाधिकारी अरूण कुमार से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जांच पड़ताल के बाद ही प्रभावित किसानों को मुआवजे के लिए लिखा जा सकता है। घटना के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार गांव के शारदानंद सिंह तथा फूकन सिंह द्वारा गांव के बधार में खलिहान लगाया गया था। दोनो किसानों द्वारा कम से कम पांच एकड़ जमीन में लगी धान फसल को काटकर खलिहान में लाया गया था। उनलोगों द्वारा पुंज भी तैयार कर दिया गया था। ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार तकरीबन 10 बजे रात्रि में कड़ाके की ठंड के कारण सभी लोग अपने घरों में दूबके हुए थे। इसी बीच खलिहान से आग की लपटें निकलने लगी। आग लगने की आशंका पर किसान बधार की ओर दौड़े। आग बूझाने के लिए पानी का भी पर्याप्त इंतजाम नहीं था इसके कारण उनलोगों को काफी परेशानी हुई। गांव के लोगों ने प्रशासनिक अधिकारियों से क्षति का आंकलन कराकर पीड़ित किसानों को समुचित सहायता उपलब्ध कराए जाने की मांग की है।

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Posted By: Jagran
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