शहर में बनेगा सीवरेज सिस्टम, खर्च होंगे पांच करोड़

गोपालगंज : अब शहर में गंदा पानी की निकासी की व्यवस्था की तरफ नगर परिषद ने ध्यान दिया है। शहर के ओडीएफ बन जाने के बाद अब नगर परिषद ने सीवर सिस्टम बनाने की पहल की है। अभी सीवर सिस्टम नहीं होने से शहर की स्वच्छता पर असर पड़ रहा है। सीवर सिस्टम बनाने में पांच करोड़ रुपये की लागत आएगी। नगर परिषद ने सीवर सिस्टम बनाने के लिए प्राक्कलन तैयार कर उसे स्वीकृति के लिए बिहार राज्य जल निगम के पास भेज दिया है। स्वीकृति मिलने के बाद इस दिशा में काम शुरू हो जाएगा।

नगर परिषद ने गोपालगंज शहर को खुले में शौच मुक्त बनाने के लिए डेढ़ साल पूर्व अभियान शुरू किया था। इस अभियान के तहत उन घरों में शौचालय बनाने के लिए सहयोग राशि उपलब्ध कराई गई, जिनमें शौचालय नही थे। नगर परिषद की इस पहल से अब गोपालगंज शहर ओडीएफ घोषित हो चुका है। लेकिन शहर के ओडीएफ बन जाने के बाद अब शौचालयों के गंदे पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं होने से शहर की स्वच्छता पर असर पड़ रहा है। नगर परिषद के अनुसार स्वच्छता मिशन के तहत गरीब तबकों के लोगों के घरों में शौचालय बनाए गए। लेकिन इन घरों में सेफ्टी टैंक नहीं बनाए जाने के कारण शौचालय का गंदा पानी नाला में गिराया जाता है। जिससे नाला से उठती बदबू के कारण लोगों की परेशानी बढ़ती जा रही है। वार्डों में बनाई गई नालियां भी शौचालय का पानी गिराने से जाम हो जा रही हैं। जिसे देखते हुए अब नगर परिषद ने शहर में सीवर सिस्टम बनाने की पहल की है। सीवर सिस्टम बनाने में पांच करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। नगर परिषद ने इस योजना का प्राक्कलन बनाकर स्वीकृति के लिए राज्य जल निगम विभाग को भेज दिया है।
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पांच साल पूर्व भी की गई सीवर सिस्टम बनाने की पहल
गोपालगंज : शहर में सीवर सिस्टम बनाने की पहल पांच साल पूर्व भी की गई थी। लेकिन यह योजना धरातल पर उतर नहीं सकी। नगर परिषद के अनुसार पांच साल पहले बिहार राज्य जल निगम ने गोपालगंज शहर में सीवर सिस्टम बनाने की योजना को स्वीकृति कर पांच करोड़ रुपये आवंटित कर दिया। लेकिन इस योजना के धरातल पर उतरने से पहले ही जल निगम ने वापस ले लिया। नगर परिषद को सीवर सिस्टम बनाने के लिए आवंटित की गई राशि भी वापस ले ली गई। अब शहर के ओडीएफ बन जाने के बाद गंदा पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं होने से शहर की स्वच्छता पर पड़ रहे असर को देखते हुए नगर परिषद ने सीवर सिस्टम बनाने की पहल की है।

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क्या कहते हैं नगर परिषद के चेयरमैन
पांच साल पहले राज्य जल निगम ने सीवर सिस्टम बनाने के लिए राशि आवंटित किया था। लेकिन इस पर काम शुरू होने से पहले की राशि जल निगम ने वापस मंगा लिया। इसके बाद सीवर सिस्टम बनाने के लिए कई बार जल निगम को पत्र लिखा गया। लेकिन कोई रिस्पांस नहीं मिला। जिसे देखते हुए नगर परिषद ने खुद शहर में सीवर सिस्टम बनाने की पहल की है। योजना तैयार कर स्वीकृति के लिए राज्य जल निगम के पास भेजा दिया गया है।
हरेंद्र कुमार चौधरी, चेयरमैन, नगर परिषद
Posted By: Jagran
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