आउटसोर्सिंग का काम देखने वाली संस्था की सेवाएं बंद

सदर अस्पताल में शुक्रवार से आउटसोर्सिंग का काम देखने वाली स्वयंसेवी संस्था सुविधा की सभी सेवाएं बंद कर दी गयी। यह संस्था जनरेटर, कपड़ा धुलाई व मरीजों को भोजन का उपलब्ध कराने का कार्य करती थी। जबकि अस्पताल के बाकी का कार्य एक दूसरी संस्था भाभा इंस्टीच्यूट ऑफ सोशल सर्विसेज देखती है। इसी संस्था को अब अस्पताल में जनरेटर, कपड़ा धुलाई व मरीजों को भोजन उपलब्ध कराने का भी जिम्मा दे दिया गया है। उक्त निर्णय स्थानीय सिविल सर्जन सह सदस्य सचिव जिला स्वास्थ्य समिति ने टेंडर प्राप्ति के दौरान कागजातों की गड़बड़ी पर लिया है। ज्ञात हो कि सिविल सर्जन ने गुरुवार को नगर थाने में गलत दस्तावेज के आधार पर सुविधा स्वयंसेवी संस्था को काली सूची में डालते हुए उसके खिलाफ फर्जीवाड़ा करने की एफआईआर दर्ज कराई है। इधर सुविधा स्वयंसेवी संस्था के सचिव शालिनी सिंह ने बताया कि एक दूसरे कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए उनके साथ दुर्भावना से कार्य किया जा रहा है। यदि मेरे कागजात गलत थे तो टेंडर लेने के पूर्व ही उसकी जांच करानी चाहिए थी जो नहीं कराया गया है। समिति के पास बीते वर्ष में मार्च से जुलाई तक का पर्याप्त समय था। जुलाई के अंतिम दिनों में मुझे सदर अस्पताल सहित सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर आउटसोर्सिंग के तहत कार्य करने का आदेश प्राप्त हुआ। तब से लेकर जनवरी माह तक मैं अनरवत सर्वोत्तम सेवा दे रही हूं। हालांकि स्वास्थ्य केंद्रों द्वारा मेरा कई माह का पेमेंट भी रोककर रखा गया है। दस जनवरी से अचानक मेरा टेंडर रद्द करते हुए बिना टेंडर किए दूसरी संस्था को कार्य करने की अनुमति प्रदान कर दी गयी जो नियमत: गलत है।
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