हिन्दी दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय कवि संगम का आयोजन

जागरण संवाददाता, सुपौल: हिन्दी दिवस के अवसर पर जिला मुख्यालय स्थित मां ट्यूशन सेंटर में राष्ट्रीय कवि संगम के तत्वावधान में एक कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसका उद्घाटन बाल कवयित्री संध्या कुमारी एवं संजना कुमारी की कविता एवं दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। मुख्य अतिथि हिदी के साहित्यकार एवं हिदी के प्राध्यापक कृपानाथ झा द्वारा उत्कृष्ट उदबोधन किया गया। जिसमें उन्होंने हिन्दी दिवस के बारे में बताया जो हर वर्ष 10 जनवरी को मनाया जाता है। जिसका उद्देश्य विश्व में हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिए जागरुकता पैदा करना है तथा हिन्दी को अन्तराष्ट्रीय भाषा के रुप में पेश करना है। कहा विदेशों में भारत के दूतावास इस दिन को विशेष रूप से मनाते हैं। सभी सरकारी कार्यालयों में विभिन्न विषयों पर हिन्दी में व्याख्यान आयोजित किये जाते हैं। विश्व में हिन्दी का विकास करने और इसे प्रचारित-प्रसारित करने के उद्देश्य से विश्व हिन्दी सम्मेलनों की शुरुआत की गई और प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन 10 जनवरी 1975 को नागपुर में आयोजित हुआ था। इसलिए इस दिन को विश्व हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है। तत्पश्चात बाल कवयित्री संध्या कुमारी एवं संजना कुमारी द्वारा कविता पाठ किया गया। वहीं राष्ट्रीय कवि संगम सुपौल के जिलाध्यक्ष नलिन जायसवाल ने मंच संचालन किया और जिला उपाध्यक्ष द्वय विमलनन्द झा एवं सच्चिदानंद झा ने उदबोधन किया। विमलनन्द झा की कविता का मुखड़ा जीवित पिता अब डेड हो गए, मम्मी हो गयी माता। चरण स्पर्श अब महापाप है कह दो केवल टाटा का सबने तालियों से स्वागत किया। तत्पश्चात कवि पंक्ति कल्याणी स्वरूपा, सावित्री कुमारी, जितेश कुमार की कविता पर करतल ध्वनि से उनका प्रोत्साहन किया गया। मोहन कुमार प्रशांत की कविता की पंक्ति ए पैसा अरे ए पैसा कुछ भी नहीं तेरे जैसा को लोगों ने सराहा। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन संस्थान के निदेशक रूपेश गुप्ता द्वारा किया गया। इस अवसर काजल सिंह, कोमल, मणिकांत श्रवण, कृष्णा कुमार सहित दर्जनों बच्चे उपस्थित थे।

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Posted By: Jagran
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