डिग्री कॉलेज नहीं होने से अकबरपुर प्रखंड के छात्रों को होती है परेशानी

20 पंचायतों वाला अकबरपुर प्रखंड में डिग्री कॉलेज नहीं होना छात्र-छात्राओं की उच्च शिक्षा में बाधक है। एक तरफ सरकार जहां उच्च शिक्षा के लिए कई तरह की घोषणाएं कर रही है वहीं जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर इस प्रखंड में कोई भी डिग्री कॉलेज नहीं है। इससे छात्रों का पठन-पाठन प्रभावित होता है। यहां के छात्र 25 से 30 किलोमीटर दूर नवादा या हिसुआ जाकर अपना नामांकन करा पढ़ाई पूरी करते हैं। मैट्रिक पास करने के बाद इंटर की पढ़ाई करना भी मुश्किल है। हाई स्कूलों में प्लस टू की व्यवस्था होने के बाद भी छात्रों को राहत नहीं मिली है। इन प्लस टू विद्यालयों में इंटर की पढ़ाई की कोई व्यवस्था नहीं है। इससे छात्रों को भटकना पड़ रहा है। प्रखंड के बरेव, अकबरपुर, कुहिला ,कुलना, पहाड़पुर उच्च विद्यालय को अपग्रेड कर प्लस टू तक की पढ़ाई पूरी करने की व्यवस्था की गई। लेकिन यहां विषय वार शिक्षक की कमी के कारण पढ़ाई न के बराबर होती है। ऐसे में मैट्रिक के आगे की पढ़ाई जारी रखने में छात्रों को काफी परेशानी होती है। खासकर छात्राओं की पढ़ाई पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। प्रखंड के लोग कई बार स्थानीय जन प्रतिनिधियों विधायक, सांसद एवं स्नातक क्षेत्र के जनप्रतिनिधि के सामने इस समस्या को रख चुके हैं। आश्वासन के बाद भी अकबरपुर प्रखंड में डिग्री कॉलेज नहीं खुल सका। जिससे यहां के लोगों में जनप्रतिनिधियों के खिलाफ काफी आक्रोश है। ग्रामीणों ने बताया कि कि तीन दशक पूर्व अकबरपुर में वीर कुंवर सिंह महाविद्यालय खोलने का प्रयास किया गया था, लेकिन स्थानीय लोगों के बीच नामकरण को लेकर विवाद हो गया था। जिसके चलते यह मामला खटाई में पड़ गया और आज तक इस प्रखंड में कोई डिग्री कॉलेज नहीं खुल सका। जिसके चलते यहां के छात्रों को पढ़ाई करने के लिए प्रखंड से 20 से 25 किलोमीटर दूर नवादा, हिसुआ या पड़ोसी राज्य झारखंड के कोडरमा जाना पड़ता है। जिसके चलते अभिभावकों में काफी चिता बनी रहती है। खासकर छात्राओं को आगे की पढ़ाई करने में ज्यादा परेशानी उठानी पड़ती है।

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Posted By: Jagran
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