राजपुर के सैकड़ों एकड़ खेत में रबी फसल बर्बाद

बक्सर : प्रखंड के पश्चिमी क्षेत्र में बसे दर्जनों गांव के सैकड़ों एकड़ क्षेत्र में बोआई की गयी गेहूं की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। इससे किसानों में भारी निराशा है। विगत दिनों हुई बारिश के बाद बोआई की गई खेतों में एक सप्ताह तक पानी लगे रहने से बीज का अंकुरण नहीं हो पाया और बीज खेतों में ही सड़ गए।

क्षेत्र के किसान दयानंद मौर्य, रिकू सिंह,चंद्रकेतु पांडेय ने बताया कि इस बार बोआई के लिए प्रति बीघा 40 किलोग्राम बीज 30-50 किलो खाद, बोआई की मजदूरी सहित कुल 4000 रुपये का लागत खर्च आया है। ऐसे में दोबारा बीज खरीद करने में सक्षम नहीं है। आर्थिक मंदी की मार झेल रहे किसान काफी चितित हैं कि अब इन खेतों में फसल की बोआई कैसे की जाएगी। सबसे बड़ी चिता की बात है कि जिन खेतों में गेंहूं ,चना ,मसूर सहित अन्य फसलों की बोआई उसके समय और प्रजाति के अनुकूल हुई थी, उन फसलों के बीजों के बोआई का भी समय समाप्त हो गया है। कृषि विभाग द्वारा भी वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए कोई बीज उपलब्ध नहीं कराया गया है। कई क्षेत्र ऐसे हैं, जहां धान की फसल भी किसानों के लिए मुसीबत बनी हुई है। इस क्षेत्र के खीरी, हंकारपुर, कजरिया, नागपुर, मंगरॉव, संगरॉव, रामपुर, निकृष, पीपरा, उतड़ी सहित अन्य दर्जनां गांवों के किसान का धान का फसल भी नहीं कटा है। जिनका फसल कट गया है, उनके धान की खरीद करने वाला भी कोई नहीं है। पैक्सों का गठन होने के बाद किसानों को धान की खरीद होने की उम्मीद थी, लेकिन धान अधिप्राप्ति का काम अबतक प्रखंड में शुरू नहीं हुआ है।
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Posted By: Jagran
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