शांत मन ही कर सकता है रचनात्मक कार्य

सहरसा। शनिवार को प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के स्थानीय सेवा केंद्र द्वारा संस्थान के साकार संस्थापक प्रजापिता ब्रह्मा बाबा का 51वां पुण्य स्मृति दिवस विश्व शांति दिवस के रूप में मनाया गया।

इस अवसर पर संबोधित करते हुए सेवा केंद्र प्रभारी स्नेहा बहन ने कहा की प्रजापिता ब्रह्मा बाबा एक ऐसी महान हस्ती थे जिनका संपूर्ण जीवन विश्व शांति के लिए समर्पित था। उन्होंने अपने जीवन के हर कर्म से शांति का ही संदेश दिया। उनके जीवन की यह धारणा थी कि आत्मिक स्थिति में स्थित होकर परमात्मा की स्मृति में रहकर किया गया हर कर्म शांति स्थापना में मददगार होता है। विश्व शांति की स्थापना के उद्देश्य को लेकर ही ईश्वरीय विश्वविद्यालय की नींव सन 1937 ई. में रखी गयी। तब से लेकर आज तक यह विद्यालय अपनी गतिविधियों द्वारा विभिन्न क्षेत्र से जुड़े लोगों को उनके दैनिक जीवन में शांति और खुशहाली लाने के लिए निरंतर प्रयत्नशील है। इसकी विश्व भर में 140 देशों में 8500 से ज्यादा शाखाएं हैं। उन्होंने कहा कि शांति की शुरुआत स्वयं से होती है। जब हमारा मन शांत है तभी हम औरों को शांति की अनुभूति करा सकते हैं। शांत मन ही रचनात्मक चितन एवं सृजनात्मक कार्य कर सकता है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए फैमिली जज रविद्र कुमार त्रिपाठी ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि ऐसा लगता है यहां आकर मंजिल मिल गई है। आज सबको शांति की तलाश है। कार्यक्रम में मुख्य रूप से राधेश्याम अग्रवाल, श्यामसुंदर संघई, शिवशंकर सिंह, कन्हैया सुरेका, अनिल कुमार सिंह, ओम प्रकाश चौधरी, कैलाश मसकरा आदि उपस्थित थे।
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Posted By: Jagran
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