अपराधियों को संरक्षण देने से बढ़ रही अपराध संस्कृति : डीजीपी

बक्सर : जब तक अपराधियों को संरक्षण दिया जाता रहेगा अपराध की संस्कृति पनपती रहेगी। सूबे से अपराध समाप्त करने के लिए सभी प्रकार के अपराधियों के साथ ही उन्हें विभिन्न रूप से सहयोग देने वालों की अलग से कुंडली तैयार की जा रही है। जल्द ही इसके सकारात्मक परिणाम सबके सामने आएंगे। उपरोक्त बातें शनिवार को बक्सर आए पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही।

उन्होंने बताया कि देश में सबसे बड़ी आबादी वाला हमारा राज्य तीसरे स्थान पर है जहां 12 करोड़ की आबादी मौजूद है। जहां हम चाह कर भी एकबारगी अपराध और अपराधियों को समाप्त करने में सफल नहीं हो सकते। जब तक यहां जाति, मजहब और संप्रदाय के नाम पर अपराधियों को संरक्षण देने, उनके लिए पैरवी करने, उनके गुनाहों पर पर्दा डालने का काम यहां होता रहेगा तब तक अपराध रहेगा और अपराध की संस्कृति भी रहेगी। पुलिस तो अपराध को उछ्वेदित कर अपराधियों को जेल भेजने का काम करती है। पर, जब किसी अपराधी को समाजिक प्रतिष्ठा देते हुए उसे संरक्षण देने का काम जारी रहेगा तब तक अपराध की संस्कृति जिदा रहेगी और अपराध बढ़ता ही रहेगा। मददगारों की तैयार हो रही कुंडली
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डीजीपी ने बताया कि सूबे में विगत पांच वर्षों में हत्या, लूट, डकैती, गृहभेदन, चोरी समेत किसी भी प्रकार का अपराध किया है उनमें से कितने अंदर हैं और कितने बाहर हैं उनके संपत्ति के स्थिति आदि की अलग से कुंडली तैयार की जा रही है। इसके अलावा उन्हें जमानत लेने वाले, बेल की वेरिफिकेशन करने वाले से लेकर उसे इंडोर्स करने वालों अथवा किसी भी रूप में मदद करने वाले की अलग से कुंडली तैयार की जा रही है। जिनमें उनके वकीलों तक का नाम शामिल किया जा रहा है। जल्द ही इस कुंडली के बेहतर नतीजे सबके सामने आएंगे। नशे से बढ़ रहा अपराध
डीजीपी ने बताया कि सूबे में बढ़ते अपराध के लिए युवाओं में बढ़ता नशा सबसे बड़ा कारण है। आज 18 साल से 25 साल की उम्र के लड़के हेरोइन, चरस, गांजा और अफीम के आदि की ओर अग्रसर होते जा रहे हैं। यदि नशा की प्रवृति रहेगी और युवा वर्ग नशे की आदी हो जाएगी वैसे युवा जाहिर सी बात है कि अपराध की ओर ही बढ़ेंगे। इसलिए शराब बंदी और नशा बंदी का मुहिम भी चलाना जरूरी है। कहर बनकर टूटेगा ऑपरेशन मजनूं
पूरे बिहार में ऑपरेशन मजनूं पूरी सख्ती से चलाया जा रहा है। पहली बार पकड़े जाने वाले लफंगों को उनके अभिभावक को चेतावनी देते हुए सुपुर्द करने कर दिया जा रहा है। दुबारा पकड़े जाने पर जेल भेजने के साथ ही उनका नाम हमेशा के लिए पुलिस की गुंडा रजिस्टर में दर्ज हो जाएगा। जिस किसी का भी एक बार गुंडा रजिस्टर में नाम दर्ज हो गया समझ लिजिए उसके जीवन का विकास वहीं से रुक गया। ऐसे किसी भी लफंगे को पुलिस छोड़ने वाली नहीं है। अपराध नियंत्रण हमारा पहला उद्देश्य है और इसके लिए कई बिदुओं पर काम किया जा रहा है।
Posted By: Jagran
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