अब सेवांत लाभ की स्वीकृति में हुआ विलंब तो नपेंगे अफसर

बकसर : सेवानिवृत्त सरकारी सेवकों को अब सेवांत लाभ के लिए कार्यालयों का चक्कर नहीं काटना होगा। उनके सेवांत लाभ की स्वीकृति में विलंब करना अब अधिकारी एवं कर्मचारियों को भारी पड़ेगा। इसके लिए उन पर कार्रवाई की गाज गिरेगी। दोषी पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों को चिह्नित करते हुए उनके विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी। सरकार के उप सचिव गुफरान अहमद ने इस बाबत सभी विभाग, विभागाध्यक्ष, प्रमंडलीय आयुक्त एवं जिलाधिकारी को आदेश निर्गत किया है।

उन्होंने कहा है कि किसी सेवानिवृत्त सरकारी सेवक के सेवांतीय लाभों की स्वीकृति में जानबूझकर किए गए विलंब को बिहार सरकारी सेवक आचार नियमावली 1976 के तहत विलंब के लिए दोषी पदाधिकारी एवं कर्मचारी का कदाचार माना जाएगा। साथ ही उक्त कदाचार के लिए संबंधित पदाधिकारी अथवा कर्मचारी के विरुद्ध बिहार सरकारी सेवक नियमावली 2005 के अंतर्गत अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी। उप सचिव ने कहा है कि कतिपय ऐसे दृष्टांत सामने आए हैं, जिनमें सेवानिवृत्त सरकारी सेवक को सेवांतीय लाभ के भुगतान में काफी विलंब हुआ है। लोकायुक्त ने इस पर अप्रसन्नता व्यक्त की है और सरकार ने भी इसको गंभीरता से लिया है। सचिव ने विभाग स्तर पर पाक्षिक लंबित सेवांत लाभों की समीक्षा करने, लंबित सेवांत लाभ के मामलों को विभागीय स्तर पर समेकित कर पेंशन या सेवांत लाभ से संबंधित मासिक रिपोर्ट वित्त विभाग को उपलब्ध कराने के लिए विभाग के नोडल पदाधिकारी को निर्देशित करने का आदेश दिया है। उन्होंने पेंशन एवं सेवांत लाभ के भुगतान में विलंब करने वाले कर्मियों एवं पदाधिकारियों को चिह्नित कर उन्हें दंडित करने तथा उनके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही प्रारंभ करने की बात कही है।
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Posted By: Jagran
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