दवा दुकानदारों की हड़ताल का दिखा व्यापक असर

जहानाबाद। अपनी मांगों पर जोर डाले जाने के उद्देश्य से यहां के दवा दुकानदार बुधवार से तीन दिनों के लिए हड़ताल पर चले गए हैं। उनलोगों को हड़ताल पर चले जाने के कारण यहां लोगों को दवा खरीदने में काफी परेशानी हुई। हड़ताल का असर न सिर्फ शहरी क्षेत्रों में बल्कि ग्रामीणों क्षेत्रों में भी देखा गया। मरीज चिकित्सकों के पास इलाज कराने के उपरांत दवा के लिए इधर उधर भटकते रहे लेकिन उनलोगों को एक भी दुकान खुली नहीं मिली। हालांकि बंद के पूर्व घोषणा के कारण लोग निजी चिकित्सकों के बजाय सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में अपना इलाज कराना ज्यादा मुनासिब समझ रहे थे। परिणामस्वरूप सदर अस्पताल समेत अन्य सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में अन्य दिनों की अपेक्षा मरीजों की भीड़ अधिक रही। सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों के सभी जेनरिक दवा की दुकानें खुली थी। स्वास्थ्य विभाग इसे लेकर पहले से ही सजग था। सिविल सर्जन डॉ विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि निजी दवा दुकानदारों की हड़ताल को देखते हुए दवाओं का व्यापक इंतजाम किया गया है। सभी सरकारी दवा दुकानों में पर्याप्त मात्रा में दवाएं उपलब्ध करा दी गई है। परिणामस्वरूप जो भी मरीज सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए पहुंचे उन्हें दवा के लिए ज्यादा भाग दौड़ नहीं करना पड़ा। इधर दवा विक्रेता संघ के संयोजक चंद्रशेखर आजाद ने बताया कि सरकार की अड़ियल रवैये के कारण हमलोगों को हड़ताल पर जाना पड़ा है। सरकार द्वारा दवा दुकानों में फार्मासिस्ट की अनिवार्यता लागू की गई है जो कि तुगलुकिया फरमान है। सभी दवा विक्रेता पहले से ही तय मापदंडों के आधार पर अनुज्ञप्ति प्राप्त किए थे। अब इस नए कानून से उनलोगों के सामने विकट स्थिति उत्पन्न हो गई है। उन्होंने कहा कि हमलोगों ने फिलहाल तीन दिनों तक हड़ताल की घोषणा की है। यदि सरकार हमलोगों की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार नहीं करती है तो मजबूरन अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की बाध्यता हो जाएगी। संयोजक ने बताया कि हमलोगों की लड़ाई सरकार से है। आम आवाम को इससे कोई परेशानी नहीं हो इसे लेकर जिले के 14 दवा दुकानों को बंद से अलग रखा गया है। उन्होंने बताया कि जिन दुकानों को बंद से अलग रखा गया है उसकी सूची स्वास्थ्य विभाग को भी सौंप दी गई है। संघ के द्वारा सौंपी गई सूची के अनुसार टेहटा में संचालित चंचल, खुशबू तथा आरती मेडिकल हॉल को बंद से अलग रखा गया है। वहीं मखदुमपुर के देव, न्यू मनोज मेडिकल तथा अप्पु मेडिकल को बंद से मुक्त रखा गया है। इसी तरह घोसी में शिवम मेडिकल हॉल, अमित मेडिकल हॉल, हुलासगंज में सिन्हा मेडिकल हॉल, रंजु मेडिकल हॉल, न्यू बालाजी मेडिकल हॉल, काको में अजय मेडिकल हॉल तथा राजेश मेडिकल हॉल और मोदनगंज में कारू साव मेडिकल हॉल को बंद से मुक्त रखा गया है। संघ के अधिकारी इस बात का भी ध्यान रख रहे हैं कि किसी भी इमरजेंसी की स्थिति में लोगों को बड़ी परेशानी का सामना करना नहीं पड़े। हालांकि हड़ताल के पहले दिन ही जिस तरह से लोग हलकान रहे उससे और अधिक परेशानी बढ़ने की संभावना प्रबल दिख रही है।

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Posted By: Jagran
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