कंपकपाती ठंडी में घर छोड़ने को मजबूर ग्रामीण

किशनगंज। भारत-नेपाल सीमा पर बन रहे सीमा सड़क को लेकर लोहागड़ा पंचायत के कुम्हार भिट्ठा के ग्रामीणों को खाली करने को कहा गया है। वर्षों से बासगीत पर्चा के तहत मिले जमीन पर बसे आदिवासी परिवार इस वजह से सकते में हैं। ग्रामीण सीता मरांडी, मैना हेंब्रम, फूलमती किस्कू, मोतीलाल सोरेन, रोबिन मरांडी सहित अन्य ने बताया कि हमलोग वर्षों से खाता संख्या 308, रकवा 1217 में 81 डिसमिल जमीन पर गुजर बसर कर रहे है। हमलोगों को सरकारी आवास इंदिरा आवास भी मिला है, जिसमें में हमलोग रह रहे हैं। लेकिन सीमा सड़क के निर्माण में जुटी एजेंसी के संवेदक की ओर से हमलोगों को घर तोड़ कर जाने को कहा गया है। जबकि हमलोगों के घर का कोई मुआवजा भी नहीं मिला है। ऐसे में हमलोग इस ठंडी में सिर छुपाने के लिए कहां जाए।लेकिन निर्माण एजेंसी द्वारा घर द्वार नहीं हटाने पर जबरदस्ती घर तोड़कर फेंक देने की धमकी दिया जा रहा है। इस संबंध में हमलोगों ने जिला लोक शिकायत निवारण कार्यालय व जिलाधिकारी से भी गुहार लगा चुके हैं। स्थानीय मुखिया व अंचल कार्यालय दिघलबैंक को भी लिखित आवेदन देकर न्याय के साथ बसेरा बनाने की मांग की गई है। आखिर हम गरीब लोग इस ठिठुरती ठंड में अपने बच्चों को लेकर कहां जाएं। वहीं इस संबंध में सीओ अरुण कुमार ने बताया कि आवेदन मिला है, जिसकी जांच की जा रही है।

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Posted By: Jagran
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