आश्रम की जमीन पर कब्जा को लेकर आधा दर्जन दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज

शेखुपरा : नवादा जिले के गोविदपुर थाना क्षेत्र के ककोलत में संचालित संत कुटी आश्रम की साध्वियों के साथ शेखपुरा जिले के फूलचोर गांव में 28 अक्टूबर 2019 को हुए बलात्कार में जहां किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है वही गुरुवार को इस मामले में स्वामी तपस्यानंद को साध्वी ने पटेल चौक से पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया गया। पुलिस ने तपस्यानंद को जेल भेज दिया। तपस्यानंद पर नवादा जिले के संत कुटी आश्रम में तीन साध्वियों के साथ 12 दिसंबर 2017 को सामूहिक दुष्कर्म करने का आरोप है। साथ ही साथ तपस्यानंद उर्फ श्याम चंद्र चौधरी की मां कमला बाई के द्वारा 30 नबंर 2017 को बस्ती जिला के थाना में अपने पुत्र और अपनी दो बेटियों के अपहरण और हत्या की प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। तथ्य पर तथ्य खुलने लगे हैं

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अब इस मामले में तथ्य पर तथ्य खुलने लगे हैं। मामले में उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और बिहार में कई दुष्कर्म की प्राथमिकी दर्ज किए जाने और प्राथमिकी के फर्जी होने की बात भी सामने आ रही है। जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक दयाशंकर कहते हैं कि शेखपुरा जिले में साध्वियों के साथ हुए दुष्कर्म के मामले का खुलासा स्पेशल टीम के द्वारा करने के लिए 26 जनवरी के बाद टीम को भेजा जा रहा है। इस मामले में वहां की पुलिस से हुई बातचीत में वहां भी दुष्कर्म के मामले दर्ज किए जाने की बात सामने आई है। एक मामले में फर्जी मामला भी सामने आया है।
आश्रम की संपत्ती पर कब्जे का मामला
दरअसल यह पूरा मामला स्वामी सच्चिदानंद के द्वारा दिल्ली, मुरादाबाद, बस्ती, नवादा सहित कई जगहों पर संचालित संत कुटी आश्रम पर कब्जे से जुड़ा हुआ भी है। स्वामी सच्चिदानंद के विरुद्ध शेखपुरा में हुए दुष्कर्म के मामले के एक आरोपी की बेटी के द्वारा पूर्व में ही दुष्कर्म की प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। वहीं सच्चिदानंद समर्थित दो साध्वियों के द्वारा भी शेखपुरा में आरोपी दिल चंद पटेल सहित कुल आठ लोगों पर दुष्कर्म किए जाने की प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। यह प्राथमिकी छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के पेंडा थाना में दर्ज कराई गई थी।
जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि 25 मार्च 2018 को उनके साथ दुष्कर्म किया गया। यह प्राथमिकी कुछ माह बाद 15 जून 2018 को दर्ज कराई गई थी। इसमें कुल 8 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया था। जिसमें शेखपुरा में मुख्य अभियुक्त दिल चंद पटेल सहित जेल भेजे गए तपस्यानंद उर्फ श्याम चंद्र चौधरी, कल्पनाथ चौधरी, गिरजा शंकर चौधरी सहित आठ लोग शामिल थे। इसी मामले में पुलिस ने दोनों साध्वियों से पूछताछ करने पर मामले को झुठा घोषित कर दिया था। मामले में दोनों साध्वियों के द्वारा कोर्ट में दिए 164 के बयान में अपने गुरु स्वामी सच्चिदानंद पर झूठे दुष्कर्म का मुकदमा किए जाने के लिए प्रेरित करने का आरोप लगाया गया था। इस पूरे मामले का खुलासा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर स्थानीय एसपी आरिफ शेख ने की थी।
नवादा में भी दुष्कर्म की प्राथमिकी कई माह बाद दर्ज
नवादा के गोविदपुर थाना में भी दिल चंद पटेल सहित अन्य को आरोपी बनाते हुए तीन साध्वियों के द्वारा दुष्कर्म किए जाने की प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। इसमें भी 1 जनवरी 2018 को दर्ज कराई गई प्राथमिकी में 12 दिसंबर 2017 को दुष्कर्म किए जाने का आरोप उपरोक्त सभी आरोपियों पर लगाया गया था। शेखपुरा महिला थाना में पीड़ित साध्वी कहती हैं कि दिल चंद पटेल और तपस्यानंद के द्वारा उनके गुरु सच्चिदानंद पर झूठे दुष्कर्म की प्राथमिकी दर्ज करा दी गई है। साध्वी ने बताया कि उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के आश्रम पर तपस्या नंद बाबा के द्वारा कब्जा कर लिया गया है। वहां उसकी मां कमलाबाई और बहन का आधिपत्य है। नवादा के आश्रम पर भी यह कब्जा करना चाह रहा है।
क्या कहती है पुलिस
उधर एसपी दयाशंकर कहते हैं कि इस पूरे मामले को संदिग्ध की ²ष्टिकोण से भी देखा जा रहा है। शेखपुरा के दुष्कर्म में कंडोम प्रयोग करने की बात सामने आई है। जिसकी जांच कराने की प्रक्रिया की जा रही है। उन्होंने कहा कि आश्रम की जमीन पर कब्जे से जुड़ा यह मामला प्रतीत हो रहा है। इस मामले के खुलासे को लेकर जल्दी ही उत्तर प्रदेश एक टीम भेजी जाएगी। वहीं आश्रम से जुड़े इस मामले में आधा दर्जन दुष्कर्म के आरोप संबंधित पक्षों पर लगाया गया है।
Posted By: Jagran
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