रोहतास में स्थापित की जा रही शाहाबाद की सबसे बड़ी नर्सरी

रोहतास। जल जीवन हरियाली मिशन को सफल बनाने के लिए रोहतास वन प्रमंडल अनुमंडल क्षेत्र के अमझोर में शाहाबाद की सबसे बड़ी नर्सरी स्थापित कर रहा है। रोहतास प्रखंड के तेलकप गांव के समीप वन क्षेत्र के निकट 15 हेक्टेयर वन विभाग द्वारा नर्सरी का निर्माण प्रारंभ हो गया है। इससे पूर्व पूरे जिले में मात्र छह हेक्टेयर में स्थाई पौधशाला था। इस वर्ष 36 हेक्टेयर में स्थाई पौधशाला का निर्माण किया जा रहा है। इसमें तुतला भवानी के पास पांच हेक्टेयर, गीता घाट आश्रम के पास पांच हेक्टेयर और अमझोर के पास 15 हेक्टेयर भूमि में स्थाई पौधशाला का निर्माण किया जा रहा है।जहां सालों भर पौधा उगाया जा सकेगा। नर्सरी की विशालता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अकेले इस नर्सरी में 15 लाख पौधे तैयार किए जाने की तैयारी चल रही है। जिसका निर्माण दो करोड़ रुपए की लागत से कराया जा रहा है। दो करोड़ रुपये की राशि तीन वर्षों में खर्च करनी हैं।

फसल क्षति मुआवजा नहीं मिला तो आंदोलन करेंगे किसान यह भी पढ़ें
इस नर्सरी में कदम,शीशम,सागौन समेत कई कीमती लकड़ियों के पौधे तैयार होंगे। इसका उपयोग वन विभाग तो करेगा ही, साथ-साथ जन जीवन हरियाली को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीणों के बीच भी इसका वितरण किया जाएगा।
जल-जीवन-हरियाली कार्यक्रम संचालन होने के कारण मांग को देखते हुए पौधा उत्पादन को दस गुना बढ़ा दिया है। जल जीवन हरियाली अभियान के तहत अनुमंडल क्षेत्र के सभी प्रखंडों में पौधारोपण के कार्य में भी तेजी ला दी गई है। वन विभाग के साथ ही अब आम आदमी, सामाजिक संगठन भी पौधे लगाने को उत्सुक दिख रहे हैं। वन विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो एक साल पहले तक जिले में हर साल औसतन 17 लाख पौधे अस्थाई पौधशाला में उगाए जाते थे। पौधशाला को नष्ट कर दिया जाता था। किन्तु अब स्थाई रूप से 21 लाख पौधे उगाए जाएंगे जिसकी तैयारी तेजी से चल रही है। कहते हैं अधिकारी:
अब जिले में चार बड़ी पौधशालाएं स्थाई रूप से रहेंगी। जहां साल भर विभिन्न प्रजाति के पौधे की नर्सरी तैयार की जाएगी ताकि जिले के हरित क्षेत्र के विकास को गति मिल सके। पहले छोटे-छोटे चार नर्सरी वन प्रमंडल क्षेत्र में थे, अब उन चारों के साथ तीन और बड़ी नर्सरी का निर्माण किया जा रहा है जिसमें 21 लाख पौधे तैयार किए जा सकेंगे। अभी तक बाहरी व्यक्तियों के लिए दस रुपये प्रति पौधा लिया जाता है, परंतु जल जीवन हरियाली के तहत सरकार की जो नीति निर्धारण होगी उसके अनुरूप पौधा दिया जाएगा।
प्रद्युम्न गौरव, वन प्रमंडल पदाधिकारी -रोहतास
Posted By: Jagran
डाउनलोड करें जागरण एप और न्यूज़ जगत की सभी खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस

अन्य समाचार