नक्सल मामले में रमेश हंसदा को सुनाई गई पांच साल की सजा

दस वर्ष पूर्व छापामारी में नक्सली पर्चा, पिस्तौल, कारतूस व पुलिस की वर्दी हुई थी बरामद संवाद सूत्र, मुंगेर : दस वर्ष पूर्व नक्सली पर्चा, पिस्तौल, कारतूस व पुलिस वर्दी की बरामदगी के मामले में तदर्थ त्वारित न्यायालय प्रथम के पीठासीन पदाधिकारी बीके सिन्हा ने एक आरोपी को सजा सुनाई। शुकवार को तदर्थ त्वारित न्यायालय प्रथम के पीठासीन पदाधिकारी बीके सिन्हा ने सत्रवाद संख्या 590/10 व हवेली खड़गपुर थाना कांड संख्या 112/10 में सजा के बिदु पर सुनवाई की। न्यायालय ने अभियोजन व बचाव पक्ष की दलील सुनने के बाद हवेली खड़गपुर के नामजद आरोपी रमेश कुमार हंसदा को देश की एकता और अखंडता का नुकसान करने की धारा 124 ए में तीन वर्ष की कारावास, आ‌र्म्स एक्ट की धारा 25 (1ए) में पांच वर्ष की कारावास व 26 (1) में छह माह की कारावास तथा नक्सली गतिविधि की धारा 17 सीएलए में तीन वर्ष की कारावास की सजा सुनाई। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। अभियोजन पक्ष से लोक अभियोजक मु़. शमीम अनवर ने बहस में भाग लिया।

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क्या है मामला - 27 अप्रैल 2010 को हवेली खड़गपुर थानाध्यक्ष को गुप्त सूचना मिली थी कि उनके थाना क्षेत्र में नक्सली घटना घटित होने वाली है। जिसमें रमेश कुमार हंसदा भी शामिल होगा। पुलिस ने त्वारित कार्रवाई करते हुए रमेश कुमार हंसदा के घर पर छापामारी की। छापामारी में पुलिस ने रमेश कुमार हंसदा के घर से 15 नक्सली पर्चा, एक पिस्तौल, 9 राउंड कारतूस और दो सेट पुलिस वर्दी बरामद की थी।
Posted By: Jagran
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