वन विभाग ने छापेमारी कर सील किया 31 आरा मिल



संसू.,जोकीहाट, (अररिया): जिले में अवैध आरा मिल के संचालन से वन संरक्षण को खतरा है। साथ ही लकड़ी की चिराई में मिल मालिकों द्वारा मनमानी कीमत लोगों से वसूली जाती है। लोगों का कहना है कि जहां लकड़ी चिराई की कीमत पांच सौ रुपये होती है वहीं अवैध मिल मालिक आठ सौ रुपये लेता है। इन लोगों की आंखें सरकारी वृक्षों पर भी लगी होती है जिसमें रात के अंधेरे में अवैध कटाई और चिराई होती है जिससे वन क्षेत्र सिमटता जा रहा है। वृक्षों की अवैध कटाई से हरियाली और पर्यावरण को खतरा पहुंच रहा है। हलांकि वन पदाधिकारियों के छापामारी और मिल जब्ती की कार्रवाई से जिले में हडकंप मचा है। जिले में अबतक दर्जनों मिल जब्ती की कार्रवाई से हडकंप मचा है। जोकीहाट के सिकटिया हाट में आठ जनवरी को दो मिल जबकि पलासी थाना के बरहट में भी एक अवैध आरा मिल जब्त की गई है। लेकिन बरहट गांव में मिल जब्ती के ठीक पांच दिन बाद दूसरा मिल लगाकर फिर से अवैध लकड़ी चिराई शुरु किये जाने की बात सामने आई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पलासी थाना क्षेत्र में सत्रह अवैध आरा मिल है जबकि जोकीहाट प्रखंड में उन्नीस, कुर्साकाटा में तेरह, सिकटी मे नौ, फारबिसगंज में चौबीस, नरपतगंज में तेरह, रानीगंज में सत्रह, अररिया में पांच तथा भरगामा में सात अवैध आरा मिल चल रहा है। विभागीय दबिश के कारण बहुत सारी अवैध मिलें फिलहाल बंद है। लेकिन पलासी के बरहट में आरा मिल जब्ती के बाद भी चालू है। एक लाइसेंसी मिल मालिक ने नाम नही छापने की शर्त पर बताया कि पलासी में पांच मिल चालू हो गया है अन्य भी विभागीय कर्मियों से मिलकर चालू की कोशिश में वन कार्यालय अररिया की परिक्रमा कर रहे हैं। -कोट- जिले में अबतक 31 अवैध आरा मिल जब्त किए गए हैं। अवैध रूप से मिल चलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई है। शिकायत मिलने पर टीम गठित कर छापेमारी अभियान जारी रहेगा। हेमचंद्र मिश्रा, वन क्षेत्र पदाधिकारी, अररिया।
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Posted By: Jagran
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