भगवत कथा सुनने से धन्य होता है जीवन: जीयर स्वामी



श्रीमद् भागवत कथा में भगवान के अवतारों की कथा बार-बार सुननी चाहिए। इससे हृदय का विकार दूर हो जाता है। अपने अवतार के माध्यम से श्रीहरी ने मानव जीवन को समझाने का प्रयत्न किया है। घर में श्रीमद्भगवत की पूजा होनी चाहिए। उक्त बातें परछा गांव में चल रहे ज्ञान यज्ञ में प्रवचन करते हुए श्री लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज ने कही।कहा कि जिस घर में सुमति अर्थात पूरा परिवार मिलकर रहता है, उस घर में लक्ष्मी का वास होता है। सुमति संत के संगति व भक्ति भावना एवं निष्ठापूर्वक कर्म करने से आता है। जिस प्रकार एक बार भोजन कर लेने से, एक बार सांस ले लेने से काम नहीं चल सकता है, उसी प्रकार एक बार कथा सुनने से काम कैसे चल सकता है।
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उन्होंने कहा कि कथा एक स्टेटस है, एक संस्कार है, यह ईश्वर की कृपा है, जिसे बार-बार सुनने के बाद जीवन में ईश्वर की कृपा बरसने लगती है। शांति की प्राप्ति होती है। शालीनता, सादगी, विनम्रता आती है। जैसे वाल्मिकी जी ईश्वर का नाम जपते जपते गलत मार्गो से हटकर प्रशस्त मार्गों के अधिकारी बन गए। अंगुलीमाल डाकू गौतम बुद्ध के उपदेशों को सुन कर अहिसा का पुजारी बन गया। कालिदास जी ने अपनी पत्नी की कृपा से जीवन को धन्य कर लिया। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को श्रीमद्भगवत कथा सुननी चाहिए। कर्म के बारे में बताते हुए कहा कि इसका फल अकाट्य होता है। जो जैसा कर्म करेगा वैसा फल मिलेगा। व्यक्ति को मांसाहार नहीं करना चाहिए। अपनी आत्मा की पूर्ति और जीभ के स्वाद के लिए दूसरे जीवों को मारकर खा जाना घोर अपराध है। हर जीव को अपनी जिदगी जीने का पूर्ण अधिकार है। यज्ञ में काफी दूर-दूर से श्रद्धालु स्वामी जी का दर्शन करने के लिए आ रहे हैं। यज्ञ समिति के गुड्डु दुबे, मिथिलेश चौबे, सुमन पांडेय, जयनंदन सिंह समेत अन्य लोग व्यवस्था में लगे हुए हैं।
Posted By: Jagran
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