लाभुक योजना ने बढ़ाई ललक, बेटों पर बेटियां भारी



धनंजय पाठक, सासाराम: रोहतास। फरवरी माह में होने वाली इंटर व मैट्रिक की परीक्षा की तैयारी में अधिकारी से लेकर छात्र तक जुट गए हैं। तीन फरवरी से इंटर और 17 फरवरी से मैट्रिक की परीक्षा शुरू होगी। सबसे मजे की बात तो यह कि पढ़ाई-लिखाई में बेटों पर अब बेटियां भारी पड़ने लगी हैं। शायद यही वजह है कि पिछले चार वर्षों से मैट्रिक की परीक्षा में छात्राओं की संख्या छात्रों के मुकाबले अधिक रह रही है। इसका कारण लोग सरकार द्वारा चलाई जा रही लाभुक योजना को मान रहे हैं। जिसमें साइकिल, पोशाक व छात्रवृत्ति का असर सबसे अधिक लड़कियों पर दिख रहा है। जिसका लाभ लेने में बेटियां अब आगे रह रही हैं, जिसका नतीजा भी दिखाई देने लगी है।
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जिस अनुपात में मैट्रिक परीक्षा में लड़कियों की संख्या अधिक रह रही है, उसके अनुरूप उन्हें सफलता भी हाथ लग रही है। इस बार मैट्रिक की परीक्षा में 58 हजार से अधिक परीक्षार्थी शामिल होंगे। खास यह कि परीक्षा में इस बार भी बेटियां बेटों को पछाड़ अपनी अधिक उपस्थिति दर्ज कराएंगी। परीक्षा में लगतार बढ़ रही महिला परीक्षार्थियों की संख्या शिक्षा के प्रति लड़कियों की बढ़ी दिलचस्पी व नारी सशक्तीकरण का परिचायक है। श्रीशंकर इंटरस्तरीय विद्यालय के सेवानिवृत्त शिक्षक सुदामा पांडेय की माने तो पहले माता-पिता लड़कियों को स्कूल भेजने में संकोच करते थे, लेकिन लाभुक योजना से उनके अंदर एक सामाजिक परिवर्तन आया है। बच्चियां भी शिक्षा के महत्व से अब वाकिफ होने लगी हैं। वे तमाम बाधाओं व अड़चनों के बावजूद पढ़ाई को पहला काम मान रही हैं। हालांकि इस योजना का लाभ लड़कों को भी मिलता है, लेकिन वे शिक्षा के महत्व को नजरअंदाज करने लगे हैं। कहती है सेंटप छात्रा:
- लाभुक योजना से शिक्षा को ले हम लड़कियों में एक सोच पैदा हुई है। जब सरकार हमें इतनी सुविधा दे रही है, तो हम क्यों इसमें पीछे रहें। जब हम पूरी तरह से पढ़ेंगे लिखेंगे नहीं, तो सामाजिक व आर्थिक रूप से आखिर सशक्त कैसे बनेंगे।
अर्चना कुमारी, शेरशाह सूरी इंटरस्तरीय विद्यालय कहते हैं अधिकारी :
खासकर मैट्रिक की परीक्षा में लगातार महिला परीक्षार्थियों की बढ़ रही संख्या शिक्षा की ओर उनके बढ़ते कदम का परिचायक है। सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों की तरह गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले व उसका लाभ उन्हें भी मिले, इसे ले सरकारी विद्यालयों में स्मार्ट क्लास से लेकर क्रैश कोर्स का भी संचालन किया जा राह है। परीक्षा में लड़कियों की संख्या बढ़ने की मुख्य वजह लाभुक योजना है, जो बच्चियों में शिक्षा के प्रति क्रांति लाने में कामयाब हुआ है।
प्रेमचंद्र , डीईओ
वर्ष 2017 में शामिल हुए परीक्षार्थी
छात्र - 27540
छात्रा - 31090 वर्ष 2018 में शामिल होने हुए परीक्षार्थी
छात्र - 28801
छात्रा - 32151
वर्ष 2019 में शामिल हुए परीक्षार्थी
छात्र - 30560
छात्रा - 33881
वर्ष 2020 में शामिल होने वाले परीक्षार्थी
छात्र - 27540
छात्रा -31090
Posted By: Jagran
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