सीओ की सर्किल में फंसी पर्यटन विकास की योजनाएं

गोपालगंज : पर्यटन के क्षेत्र में बढ़ावा देने की योजना अंचल पदाधिकारियों की सर्किल में ही फंसता नजर आ रहा है। पर्यटन विभाग ने इस क्षेत्र में काफी प्रयास भी किया है। बावजूद इसके अंचल स्तर पर तैनात पदाधिकारी व कर्मियों की मनमानी का ही नतीजा है कि पांच साल से जिले में चयनित पांच स्थलों का विकास करने की योजना संचिकाओं तक उलझकर रह गई है।

जानकारी के अनुसार पर्यटन विभाग ने ऐसे पांच स्थलों का चयन किया था, जहां पर्यटन को दिया जा सकता है। इन चयनित स्थलों के बारे में पूरी रिपोर्ट पर्यटन विभाग के तत्कालीन अपर सचिव पीसी शरण ने करीब पांच साल पूर्व जिला प्रशासन से मांगी थी। इसके बाद तत्कालीन जिलाधिकारी ने जिला विकास शाखा के माध्यम से सभी संबंधित अंचल पदाधिकारियों से इस संबंध में आठ बिदुओं पर रिपोर्ट तलब किया था। लेकिन जिले के महत्वपूर्ण व यहां की प्रसिद्धि से जुड़े मामलों में रिपोर्ट सौंपने में सीओ स्तर पर चूक हो गई। कुचायकोट, बरौली, मांझा तथा फुलवरिया के सीओ ने विभागीय निर्देश के बावजूद लंबी अवधि बीतने के बाद भी अब तक कोई भी रिपोर्ट जिला प्रशासन को नहीं सौंपी। ऐसे में पर्यटन के नक्शे पर जिले के पांच स्थलों को चमकाने की योजना अब अधर में लटक गई है।

इनसेट
इन पांच स्थलों का होना था विकास
- कुचायकोट प्रखंड के अहिरौली दुबौली स्थित संकट मोचन धाम
- कुचायकोट प्रखंड के हनुमान मंदिर का विकास व सौंदर्यीकरण कार्य
- फुलवरिया प्रखंड के कमलाकान्त कररिया में स्थित राम-जानकी मंदिर का विकास, सौंदर्यीकरण, धर्मशाला, बाउंड्री व लाइट की व्यवस्था
- बरौली प्रखंड के बघेजी में स्थित विशाल तालाब को पर्यटन के योग्य विकसित करना
- मांझा प्रखंड के पथरा गांव स्थित तालाब का सौंदर्यीकरण का घाट का निर्माण
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इन बिदुओं पर देनी थी रिपोर्ट
- स्थल का नाम
- ऐतिहासिक, धार्मिक व पुरातात्विक महत्व
- पर्यटकों की संख्या
- आवागमन की सुविधा
- भूमि की उपलब्धता व इसकी प्रकृति
- वर्णित स्थल के संबंध में प्रस्तावित कृत कार्रवाई
- पर्यटकों के संबंध में विभिन्न जन सुविधाओं का विकास
- स्थल के सौंदर्यीकरण की आवश्यक्ता के बारे में प्रतिवेदन
- संभावित प्राक्कलित राशि
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कहते हैं अधिकारी
पर्यटन के विकास की दिशा में प्रशासनिक स्तर पर प्रयास किया जा रहा है। जल्द ही पांच स्थलों के संबंध में रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी। वैसे जिले में चिन्हित कई स्थलों के चाहरदीवारी आदि के निर्माण के लिए राशि आवंटित की जा चुकी है।
सज्जन आर, उप विकास आयुक्त
Posted By: Jagran
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