हत्याकांड के चार अभियुक्तों को आजीवन कारावास

सिवान । अपर जिला न्यायाधीश षष्ठम जीवन लाल की अदालत ने शुक्रवार को हत्याकांड से जुड़े मामले के नामजद पांच अभियुक्तों में से चार

को कांड का दोषी पाकर आजीवन कारावास दी है। अपर जिला न्यायाधीश जीवनलाल की अदालत में गत 22 जनवरी को अभियुक्तों की पेशी हुई एवं सुनवाई समाप्त होने के पश्चात अदालत ने विचारण का सामना कर रहे चार अभियुक्त क्रमश: उमाकांत सिंह, राजू सिंह, प्रमोद सिंह एवं श्रीकांत सिंह को दोषी पाते हुए सजा के बिदु पर सुनवाई के लिए 31 जनवरी की तिथि निर्धारित की थी। अभियोजन की ओर से बहस करने वाले अपर लोक अभियोजक रवींद्र शर्मा से मिली जानकारी के मुताबिक अदालत ने सभी नामजद चारों अभियुक्तों को भादवि की धारा 302 के अंतर्गत आजीवन कारावास दी है। पांचवें अभियुक्त करुणा सिंह का विचारण के दौरान निधन हो गया था। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जामो थाना अंतर्गत जोगापुर कोठी निवासी निजामुल मियां का भतीजा जियाउल हक गांव के ही राजू सिंह का दोस्त था। दोस्ती का हवाला देकर 18 दिसंबर, 2004 की रात्रि में जब जियाउल हक आग सेक रहा था तो राजू सिंह वहां आया और पत्नी की बीमारी का हवाला देकर जियाउल हक को अपने साथ लेकर चला गया, लेकिन जियाउल हक घर वापस नहीं आया। खोजबीन करने पर जियाउल हक का शव गांव के बाहरी हिस्से में पाया गया।
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निजामुल मियां ने गांव के उपरोक्त सभी अभियुक्तों के विरुद्ध यह आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराया कि जियाउल हक ने राजू सिंह को कुछ समय पूर्व 50000 रुपये कर्ज के रूप में दिया था। जियाउल हक कर्ज की राशि की मांग करता था, जिसके लिए दोनों के बीच हल्की कहासुनी भी हुई थी। जियाउल हक की हत्या तकादा को लेकर अभियुक्तों द्वारा कर दी गई है। मामले में अभियोजन और बचाव पक्ष को सुनने के पश्चात अदालत ने उपरोक्त सजा दी है। बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अभय कुमार राजन ने मामले में बहस की।
Posted By: Jagran
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