अपहरण में दोषी किशोर को अपनी आमदनी पर प्रवेक्षण गृह में पठन-पाठन करने की सजा

बिहारशरीफ। जिला किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी मानवेन्द्र मिश्रा ने एक बार फिर से अनोखा फैसला सुनाया है। अपहरण के मामले में चार किशोरों को दोषी पाया गया है। सजा के तौर पर चारों को अपनी आमदनी से प्रवेक्षण गृह में पठन-पाठन सामग्री उपलब्ध कराना होगा। जिसमें एक पुस्तक रखने की आलमीरा तथा महापुरूषों से संबंधित किताब, मोटिवेशनल किताब, भारतीय इतिहास एवं स्वतंत्रता संघर्ष से जुड़ी किताब , बाल कहानियां तथा प्रतियोगिता परीक्षा से संबंधित किताबें खरीदकर एक सप्ताह के अंदर जमा करेंगे। इस मौके पर सदस्य धमेंद्र कुमार भी मौजूद थे। बता दें कि 2012 में कतरीसराय थाना क्षेत्र में एक छात्र का चारों ने अपहरण कर उसे नवादा के एक मकान में छिपाकर रखा था। फिरौैती के तौेर पर इन्होंने 15 लाख रुपए की मांग की थी। हालांकि दो दिनों के बाद ही छात्र की सकुशल बरामदगी कर ली गई थी। आदेश में जिला किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी ने कहा है कि दोषी किशोरों में कुछ सरकारी नौकरी में है और कुछ का ज्वानिग होना है। ऐसे में उनके भविष्य को देखते ेहुए यह फैसला सुनाया गया है। ताकि इनके मानवीय गुणों का विकास तथा राष्ट्र एवं समाज के प्रति जिम्मेवारी का बोध हो। इस दौरान दोषी किशोरों के आचरण पर संबंधित थाना नजर रखेगी।

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Posted By: Jagran
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