पंचायत ओडीएफ घोषित, 25 से 30 फीसद परिवारों को अब तक शौचालय नहीं

दरभंगा। क्षेत्र के 16 पंचायतों को वर्ष 2018-19 में ही खुले में शौच मुक्त यानी ओडीएफ घोषित कर दिया गया। बावजूद, इन पंचायतों में करीब 25 से 30 फीसद परिवारों को आज तक शौचालय नहीं मिल पाया है। इसके कारण ये लोग अभी भी खुले में शौच करने को विवश है। बताया जाता है कि संबंधित पंचायतों के मुखिया व प्रखंड समन्वयक की मिलीभगत से गलत रिपोर्ट जिला को भेजी गई जिसके आधार पर ही इन पंचायतों को ओडीएफ घोषित किया गया। इतना ही नहीं, आधा दर्जन से अधिक पंचायतों के मुखिया ने अपने-अपने पंचायतों में शौचालय निर्माण कार्य करवाने में बेहतर सहयोग करने आधार पर जिला प्रशासन से प्रशस्ति पत्र भी हासिल कर लिया। हालांकि, कई मुखिया इस संबंध में बताते हैं कि प्रशासनिक पदाधिकारियों के दबाव में आकर उन्होनें अपने पंचायत को खुले में शौच मुक्त घोषित करवा लिया था और प्रखंड समन्वयक के सहयोग से बचे लोगों का शौचालय निर्माण युद्धस्तर पर पुरा करवाया जा रहा है। इस संबध में जब शुक्रवार को क्षेत्र के माधोपुर एवं शिवराम पंचायतों में दैनिक जागरण की टीम ने जाकर शौचालय निर्माण कार्य का जायजा लिया तो उक्त दोनों पंचायतों में अभी भी 30 प्रतिशत लोगों के घरों में शौचालय नहीं पाया गया। माधोपुर पंचायत में कई लोग अपने-अपने घर के आंगन में शौचालय का निर्माण करवा रहे थे। बिष्णु लाल देव, रामप्रीत लाल देव, मो. ईदरीश, कलिया देवी, भैरव यादव सहित एक दर्जन लोगों का कहना था कि वे लोग शौचालय निर्माण करवाने के लिए दो हजार रुपये अवैध ढ़ंग से प्रखंड समन्वयक रूमा कुमारी और स्वच्छताग्राहियों को नहीं दिया, जिसके कारण वे अब तक शौचालय से वंचित हैं। लोगों का कहना है कि पंचायत के गांवों में कई ऐसे लोग भी हैं जिन्होंने शौचालय निर्माण कार्य पुरा तो करवा लिया है, लेकिन मुखिया के इशारे पर स्वच्छताग्राही द्वारा आज तक जीरो टैगिग नहीं किए जाने के कारण उनके बैंक खाता में 12 हजार रुपया नहीं आ पाया। वहीं, शिवराम पंचायत के लालदाय देवी, रामपरी देवी, सुमितया देवी सहित कई महिलाओं का कहना था कि पंचायत में अधिकांश वैसे लोगों के बैंक खाते में शौचालय निर्माण कार्य का 12 हजार रुपया आया है जिन्होनें पूर्व से निर्मित शौचालयों का मुखिया व स्वच्छताग्राहियों की मिलीभगत से फर्जी ढ़ंग से जीरो टैगिग करवा लिया था। शिवराम पंचायत के लोगों का कहना है कि पंचायत में 25 से 30 प्रतिशत लोगों को अभी भी शौचालय नहीं है। उनका कहना है कि जागरुकता अभियान नहीं चलाए जाने के कारण कई लोग घर में शौचालय रहने के बाद भी खुले में शौच कर रहे हैं। इधर, प्रखंड समन्वयक रूमा कुमारी का कहना है कि वरीय पदाधिकारियों का यह निर्देश था कि जिन पंचायतों में 75 प्रतिशत शौचालय का निर्माण हो गया है, उसे खुले में शौच मुक्त घोषित करवा लिया जाए। इसलिए, पंचायतों को ओडीएफ घोषित करवाया गया। अब जिन लोगों के पास शौचालय नहीं है, उन्हें चिन्हित कर उनके घर में शौचालय का निर्माण करवाया जा रहा है।

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Posted By: Jagran
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