उधार के भवन में चल रहा मनरेगा कार्यालय, कामकाज में परेशानी

200 मजदूरों का नहीं मिल सका आवास बनाने का पैसा

-------अभिलेख रखने में होती है परेशानी, हो रही समस्या बगहा, संसू. : मनरेगा के गठन हुए 14 साल बीत गए। लेकिन, बगहा दो प्रखंड में इस विभाग को कार्यालय चलाने के लिए अब तक अपना भवन नहीं है। उधार के भवन में कार्यालय स्थापित कर कार्यों का निष्पादन किया जा रहा है। गठन के बाद से पांच वर्ष पूर्व तक यह कार्यालय प्रखंड परिसर के ही एक कमरे में चलता था। लेकिन, 2014-15 के सत्र में बगहा दो अंचल के अभिलेख भवन में इसके कार्यालय को स्थानांतरित कर दिया गया। तब से लेकर अब तक मनरेगा के कार्यों का संचालन यहीं से चल रहा है। जिससे यहां अंचल के अभिलेख रखने में परेशानी हो रही है। वहीं दिसंबर से अब तक यहां कोई पदाधिकारी भी नहीं है।
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ऐसे में यहां से संचालित होने वाली केंद्र व राज्य सरकार की सबसे अधिक महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन हरियाली की सफलता पर विराम लग गया है। करीब दो माह होने को आए। लेकिन पदाधिकारी का पदस्थापना नहीं होने के कारण सारी योजनाएं लंबित पड़ी हुई हैं। सबसे अधिक परेशानी मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदूरों को हो रही है। जिनको सौ दिन काम मिलना है। लेकिन, पदाधिकारी के नहीं होने से दो माह बीत गया एक दिन भी काम नहीं हो सका। मुखिया को जो काम पहले से चयनित है उसको शुरु नहीं कर पा रहे हैं। उनका कहना है कि पदाधिकारी नहीं रहने के कारण काम कराने के बाद भुगतान में परेशानी आने के संभावना अधिक रहती है।
बिनवलिया बोदसर पंचायत के मुखिया इंद्रदेव पासवान ने बताया कि पीओ के नहीं रहने से करीब दो सौ मजदूरों का आवास योजना के तहत पैसा बाकी है। साथ ही बहुत सारी योजनाएं जो चल रही थी उसके पूरा हो जाने के बाद भी भुगतान नहीं हो रहा है। यह स्थिति यहां के 25 पंचायतों में होगी। डीडीसी रविद्र नाथ प्रसाद सिंह ने बताया कि पीओ की पदस्थापना कर दी गई है। जल्द ही प्रभार ग्रहण कर लेगें।
Posted By: Jagran
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