तकनीकी पेंच के चलते आयुष्मान कार्ड बनवाने में नहीं आ रही तेजी

सूची में परिवार के मुखिया, माता-पिता और पारिवारिक सूची में भारी अशुद्धि

संवाद सूत्र, हेमजापुर (मुंगेर): गरीब परिवारों को पांच लाख तक की स्वास्थ्य बीमा की सुविधा देनेवाली प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) पूरे देश में लागू है। योजना का मुख्य उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना है। मुंगेर जिले में इस योजना के तहत हजारों लाभार्थियों का गोल्डन कार्ड बनाया जा रहा है, ताकि गरीब लोगों को इसका फायदा मिल सके लेकिन एक सवाल यह भी है कि जिस रफतार से लाभार्थियों का कार्ड बनना चाहिए, वो नहीं बन पा रहा है। मुंगेर अभी भी इस मामले में 6 वें स्थान पर है। गोल्डन कार्ड बनाने में तेजी लाने के लिए सीएससी सेंटर के अलावा प्रत्येक पंचायत के स्वास्थ्य केंद्रों को भी लगा दिया है। फिर भी गोल्डन कार्ड निर्माण में तेजी नहीं आ रही है। इसकी वजह चौंकाने वाली है। जन आरोग्य की लाभार्थी सूची में तकनीकी पेंच व गडबड़ी इस कदर है कि लाभार्थी चाहते हुए भी गोल्डन कार्ड नहीं बनवा पा रहे हैं।

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तकनीकी पेंच से परेशान हैं लाभुक :
धरहरा प्रखंड में 13 पंचायतें हैं। केवल हेमजापुर पंचायत की बानगी से ही अन्य पंचायतों में बन रहे गोल्डन कार्ड की स्थिति का जायजा लिया जा सकता है। प्रखंड के पीएचसी में 9845 लोगों की सूची उपलब्ध है, जिनमें से हजारों लोगों का कार्ड बनवाने के लिए हेमजापर स्वास्थ्य केंद्र को भेजा गया है। सूची में त्रुटियों की भरमार है। सूची में शिवकुंड पंचायत के 168 लोगों के नाम शामिल हैं। सूची में परिवार के मुखिया और पिता का नाम, अशुद्धि, माता के नाम में अशुद्धि, पता में अशुद्धि व राशन कार्ड में भी गड़बड़ी सहित अन्य अशुद्धियों की भरमार होने से गोल्डन कार्ड बनाने आए लाभुक निराश होकर घर लौट जा रहे हैं। यहां बता दें कि मुंगेर में इस योजना के लाभार्थियों की संख्या 8 लाख, 58 हजार 530 है। जिनमें 84 हजार 160 लाभार्थियों को ही गोल्डन कार्ड मिल सका है।
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गलती का खामियाजा भुगतने पर मजबूर हुए ढोरो महतो :
हेमजापुर निवासी ढोरो महतो ने कहा कि मेरा पोता अभी बीते माह ही जानलेवा रोग डेंगू से पीड़ित हो गया था। पैसे का अभाव रहा। इसलिए आयुष्मान कार्ड के सहारे इलाज कराने की सोची, लेकिन नाम में नीतिन की जगह नीशिथ हो जाने से वे इस योजना का लाभ नहीं ले सके। मेरे काफी पैसे खर्च हो गए।
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कोट :::
सूची में त्रुटियों की शिकायतें है। लेकिन प्रखंड के 13 पंचायतों में छोटी-मोटी त्रुटियों को सुधार कर आयुष्मान कार्ड तेजी से बनाया भी जा रहा है।
डॉ. प्रभात रंजन, बीडीओ, धरहरा, मुंगेर
Posted By: Jagran
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