बेटियों के भविष्य को बेहतर बना रहे अभिभावक

बक्सर : बेटियों के भविष्य की सुरक्षा के लिए बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ स्कीम के तहत करीब छह वर्ष पहले केंद्र सरकार द्वारा सुकन्या समृद्धि योजना के नाम से एक नई स्कीम लांच की गई थी। इन छह वर्षों में लोग जहां लगातार अपनी बेटियों के नाम से डाकघर में निवेश करते रहे वहीं, आज भी बेटियों के भविष्य के लिए यह योजना लोगों की पहली पसंद बनी हुई है।

इसकी जानकारी देते प्रधान डाकघर बक्सर के मुख्य डाकपाल यशवंत कुमार सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा लांच की गई यह योजना लोगों को काफी पसंद आ रही है। जब से योजना शुरू हुई है तब से लेकर अभी तक कोई ऐसा दिन नहीं है जिस दिन इस योजना के तहत खाता नहीं खोले जाते हैं। दरअसल, बेटियों के भविष्य की सुरक्षा को लेकर शुरू की गई यह योजना अपने आकर्षक ब्याज दरों और नियमों के कारण आम लोगों में काफी लोकप्रिय हुई है। आम जनता काउंटर पर आकर सीधे खाता खोलवा रही है तो दूसरी ओर ग्रामीण इलाकों में जाने वाले डाकिया को भी योजना के प्रति लोगों को जागरूक करने की जिम्मेवारी सौंपी गई है। जिसका आश्चर्यजनक परिणाम देखने को मिल रहा है। प्रतिदिन डाकिया द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के खाता खोलवाए जा रहे हैं। बीते छह वर्षों में जिले के करीब 80 फीसद लोगों ने योजना के तहत अपनी बच्चियों के नाम से खाता खोलवा लिया है। बचे हुए 20 फीसद लोगों में से अब भी अकेले प्रधान डाकघर से करीब दस से पंद्रह खाता प्रति दिन खोले जा रहे हैं। क्या है योजना
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कम उम्र की बच्ची के उच्च शिक्षा तथा शादी के लिए बचत करने के लिहाज से केंद्र सरकार की यह एक अच्छी निवेश योजना है। जिसके तहत कोई भी माता-पिता अथवा कानूनी अभिभावक कन्या के नाम से बचत खाता खोल सकते हैं। यह खाता किसी भी डाकखाना अथवा सरकारी बैंक से खोला जा सकता है। योजना में निवेश टैक्स बचाने में भी मददगार है जिसे आयकर की धारा से छूट प्राप्त है। योजना के तहत मिलने वाला ब्याज दर किसी भी बैंक की मियादी जमा योजना दर से अधिक है। छोटी बचत वाले भी खोल सकते हैं खाता
बहुत कम रकम के साथ खुलने वाला सुकन्या समृद्धि योजना दरअसल उन परिवारों को ध्यान में रखकर शुरू किया गया है जो छोटी-छोटी बचत के जरिए बच्ची की शादी या उसकी उच्च शिक्षा के लिए पैसे जमा करना चाहते हैं। किसी एक वित्तीय वर्ष में कम से कम 250 रुपये और अधिकतम एक बार में डेढ़ लाख तक का निवेश कराया जा सकता है। कब तक होगा जमा
योजना के तहत बच्ची के 21 साल की उम्र होने अथवा उसकी शादी होने के बाद खाता मैच्योर हो जाता है। यदि बच्ची की शादी 21 साल पूरा होने के पहले हो जाती है तब खाता में रकम जमा नहीं कराया जा सकता। या 21 साल उम्र होने के पहले खाता बंद कराने की स्थिति में इस बात का प्रमाण देना होगा कि बच्ची 18 साल की हो चुकी है। 9 साल की बच्ची का खाता उसके 24 साल की होने तक अधिकतम 15 साल तक जारी रखा जा सकता है। खाता मैच्योर होने के बाद भी बच्ची के 24 से 30 साल होने तक जमा रकम पर ब्याज मिलता रहेगा।
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खाता खोलने का आज भी अच्छा रफ्तार है। बीते छह वर्षों में 80 फीसद लोगों ने योजना का लाभ ले लिया है और लगातार निवेश कर रहे हैं। बावजूद इसके शेष बचे लोग आज भी योजना में अपनी रूचि बनाए हुए हैं जिसका नतीजा है कि प्रतिदिन कम से कम दस नए खाता खोले जा रहे हैं।
यशवंत कुमार सिंह, मुख्य डाकपाल, प्रधान डाकघर, बक्सर।
Posted By: Jagran
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