एक बाघ धनैया रेता गांव में



पश्चिमी चंपारण। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व से निकलकर एक बाघ धनैया रेता गांव में प्रवेश कर गया। बाघ की दहाड़ सुनकर ग्रामीण जगे और घर से निकले। रात का समय होने के कारण बाघ नहीं दिखा। इसी बीच बाघ ने एक किसान के बथान पर बंधे मवेशियों ने हमला कर दिया। हमले के बाद लोगों में भगदड़ मच गई तथा लोग घरों में छिप गए। हालांकि कुछ ग्रामीणों ने शोर मचाया तो बाघ जंगल की ओर भाग निकला। घटना शनिवार की रात्रि करीब 109 बजे की है। कुछ ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी। सूचना मिलने पर रविवार की सुबह वन विभाग की टीम गांव पहुंची और जांच पड़ताल की। इस दौरान बाघ के पैरों के निशान पाए गए हैं। ग्रामीण इस बात को लेकर भयभीत हैं कि बाघ दोबारा गांव का रुख कर सकता है। वाल्मीकिनगर रेंजर महेश प्रसाद ने बताया कि बाघ की गतिविधियों पर नजर बनाए रखने के लिए वनकर्मियों की टीम को लगाया गया है। ग्रामीणों को तत्काल अलर्ट रहने को कहा गया है।
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पहले भी आ चुका है बाघ :-
इसके पूर्व भी धनैया क्षेत्र में बाघ ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी। हालांकि, क्षेत्र में केवल पालतु मवेशियों को ही शिकार किया है। किसी भी ग्रामीण पर हमला नहीं किया है। लेकिन लगातार बाघ के गांवों में आने से इस घटना से इंकार नहीं किया जा सकता है।बाघ के गांव में आने से ग्रामीणों में काफी दहशत व्याप्त है।
Posted By: Jagran
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