वीक्षण कार्य के लिए आए शिक्षकों को केंद्र से किया बाहर

जमुई। सोमवार से शुरू हुए मैट्रिक परीक्षा के प्रथम दिन आदर्श परीक्षा केंद्र प्लस टू श्रीकृष्ण विद्यालय मैट्रिक परीक्षा को लेकर माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षकों को वीक्षण कार्य से अलग रखते हुए केंद्र से बाहर कर दिया गया। ऐसा डीईओ के आदेश पर किया गया।

इस बाबत उच्चतर माध्यमिक संघ के मुंगेर प्रमंडलीय व जमुई जिलाध्यक्ष नीलेश यादव ने बताया कि शिक्षा विभाग के नियम के अनुसार प्रत्येक रूम में छात्रों की संख्या के अनुपात में एक महिला वीक्षक और एक पुरुष वीक्षक को लगाए जाने का प्रावधान है। सभी शिक्षक समय से परीक्षा केंद्र पर पहुंचे फिर भी सिर्फ महिला वीक्षक को ही परीक्षा ड्यूटी में लगाया गया। वीक्षकों के बैठने तक का भी प्रबंध नहीं किया गया। केंद्राधीक्षक के निर्देश पर बीईओ द्वारा घोषणा कराया गया कि परीक्षा प्रारंभ के पूर्व सारे वीक्षक विद्यालय परिसर से बाहर निकल जाएं, नहीं तो दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। इससे आक्रोशित होकर सभी शिक्षकों ने काली पट्टी बांध कर विरोध प्रदर्शन किया। उप सचिव शिक्षा विभाग और आरडीडीई द्वारा निर्गत पत्र में स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि आठ किलोमीटर से अधिक दूरी होने पर यात्रा भत्ता देय होगा। शिक्षा विभाग और सरकार शिक्षकों को अपमानित करना बंद करे, नहीं तो शिक्षक संघ आंदोलन करने पर मजबूर होंगे। इस मौके पर शिक्षक अमिताभ, सीतेश कुमार, अशोक कुमार, केदार यादव, करुणाकर पांडेय, शशिकांत, महेश कुमार, रूपेश कुमार, अनुज वर्मा, पंकज मिश्रा मौजूद थे।
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मैट्रिक परीक्षा को लेकर वीक्षकों की संख्या 100 के करीब थी। जिसमें महिला वीक्षकों की संख्या अधिक थी। ऐसे में सिर्फ छात्रा का केंद्र होने के कारण पुरुष वीक्षक को वीक्षण कार्य से अलग कर महिला वीक्षक को लगाया गया। जहां तक बाहर करने की बात है तो नियम के तहत जो वीक्षण कार्य में नहीं हैं उन्हें केंद्र से बाहर रहना न्यायसंगत है।
- प्रतिभा कुमारी, केंद्राधीक्षक, प्लस टू श्रीकृष्ण विद्यालय, सिकंदरा।
Posted By: Jagran
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