रोहतास के विद्यालय में पढ़ाते हैं गुरुजी, वेतन के लिए जाते हैं कैमूर



(रोहतास) : रोहतास जिले के पंडितपुरा व शिवपुर दो ऐसे गांव हैं, जहां बच्चे अपने गांव के स्कूल में तो पढ़ते जरूर हैं, लेकिन उन्हें विद्यालय से निर्गत होने वाले सर्टिफिकेट पर कैमूर अंकित रहता है। ये दोनों गांव जिले के कोचस प्रखंड में पड़ते हैं, लेकिन गांव में खुले विद्यालय कैमूर जिला में हैं। इससे विद्यालय पर कैमूर जिला का नियंत्रण है। अभी ये स्कूल कैमूर के नुआंव प्रखंड के अधीन हैं। वहां पढ़ाने वाले शिक्षकों की पोस्टिग कैमूर जिले से होती है और उनको वेतन भी उसी जिले से मिलता है। यही नहीं, यहां के विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को निर्गत होने वाले विद्यालय परित्याग प्रमाण पत्र भी कैमूर जिले से निर्गत होता है, जबकि सर्टिफिकेट पर आवासीय पता रोहतास जिले का अंकित रहता है। इसका कारण क्षेत्राधिकार स्थानांतरण प्रक्रिया का निदेशालय में लंबित होना है। हालांकि तीन वर्ष पूर्व विधानसभा में मुद्दा उठाने के बाद यहां के अधिकारियों ने क्षेत्राधिकार विवाद को सलटाने की दिशा में सक्रियता दिखाई थी, लेकिन प्रयास मुकाम तक नहीं पहुंचा। गांवों के सीमांकन में व्याप्त इस विसंगति को सरकार दूर नहीं कर सकी है। तीन वर्ष पूर्व रोहतास जिले में शामिल हुए थे 13 गांव :
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दिसंबर 2016 में सात निश्चय यात्रा के दौरान यहां पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आश्वासन के बाद कैमूर जिला के कुछिला थानातर्गत पड़ने वाले सारंगपुर, पंडितापुरा, शिवपुर, बाबू के बहुआरा समेत दर्जनभर गांवों को रोहतास में शामिल करने संबंधी स्थानीय लोगों की मांग 2017 में पूरी हुई थी। जिसके बाद प्राथमिकी दर्ज करने से लेकर किसानों की मालगुजारी रसीद जाति, निवास, आय समेत अन्य प्रमाण पत्र निर्गत करने का काम अब रोहतास जिले के कोचस अंचल व थाना से हो रहा है। लेकिन प्राथमिक विद्यालय पंडितपुरा व शिवपुर को रोहतास जिले को हस्तांतरित करने का मसला आज तक नहीं सलट सका है। स्कूल से लेकर नियोजन इकाई रोहतास जिला के गारा पंचायत के अधीन हैं। जबकि दोनों स्कूलों का सारा विभागीय कार्य नुआंव (कैमूर जिला) प्रखंड से संपादित होता है। विद्यालय के निरीक्षण, कंट्रोल, शिक्षकों के वेतन व उनकी संख्या समेत तमाम जानकारी नुआंव प्रखंड में उपलब्ध हैं। यहां के अधिकारी के पास किसी भी प्रकार की सूचना मौजूद नहीं रहती कि वे किसी को कुछ विशेष बता सकें। सदन में सवाल उठने के बाद सक्रिय हुआ था विभाग :
पंडितपुरा व शिवपुर स्कूल से संबंधित मसला को क्षेत्रीय विधायक वशिष्ठ सिंह द्वारा 2017 में विधान सभा में उठाए जाने के बाद शिक्षा विभाग सक्रिय हुआ था। सरकार द्वारा रिपोर्ट तलब किए जाने के बाद डीईओ ने दोनों स्कूलों की वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए सरकार व निदेशालय को प्रतिवेदन सौंपा था। परंतु रिपोर्ट पर क्या कार्रवाई हुई है, इसकी सुध न तो क्षेत्र के जनप्रतिनिधि ही ले सके हैं न अधिकारी। कहते हैं अधिकारी :
प्राथमिक विद्यालय पंडितपुरा व शिवपुर रोहतास जिले के कोचस प्रखंड के गारा पंचायत के अधीन हैं। शिक्षकों का नियोजन भी गारा पंचायत के शिक्षक नियोजन इकाई द्वारा की जाती है। लेकिन स्कूल से संबंधित सारा विभागीय कार्य कैमूर जिला के नुआंव प्रखंड से संपादित होता है। क्षेत्राधिकार स्थानांतरण प्रक्रिया संबंधित प्रस्ताव विभागीय निदेशालय में लंबित पड़ा है।
प्रेमचंद्र, डीईओ
Posted By: Jagran
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