नियंत्रण कक्ष निर्माण कार्य में अनियमियता देख बिफरे एसपी

संवाद सहयोगी, किशनगंज: एसपी कुमार आशीष पुरानी राज्य स्वास्थ्य समिति कार्यालय के उपरी तल पर स्थापित की जा रही पुलिस नियंत्रण कक्ष की जांच के लिए पहुंचे। शनिवार सुबह अचानक एसपी को निरीक्षण करता देख मौजूद अधिकारी और कर्मियों के बीच अफरातफरी मच गई। निर्माण व मरम्मती कार्य में अनियमितता को देख एसपी ने मौजूद अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई।

भवन की मरम्मती के बाद टीसीएस के द्वारा 25 कंप्यूटर सेट लगाए जायेंगे। जबकि छह अन्य कंप्यूटरों के द्वारा जवानों को ट्रेनिग दी जायेगी और विधि व्यवस्था शाखा व नियंत्रण कक्ष को नये भवन में सिफ्ट कर दिया जायेगा। इस मौके पर मुख्यालय डीएसपी अजय कुमार झा, नियंत्रण कक्ष प्रभारी श्याम किशोर यादव सहित अन्य पुलिस पदाधिकारी और कर्मी उपस्थित थे।
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इस दौरान एसपी ने बताया कि मुख्यालय के निर्देश पर सीसीटीएनएस प्रणाली युक्त नियंत्रण कक्ष और विधि व्यवस्था शाखा की स्थापना की जा रही है। इस सप्ताह निर्माण और मरम्मती कार्य पूर्ण हो जाने की संभावना है। कार्य समाप्ति के बाद सीसीटीएनएस प्रणाली से युक्त नियंत्रण कक्ष कार्य करना प्रारंभ कर देगा।  उन्होंने बताया कि जिले के सभी थाने जो सीसीटीएनएस नेटवर्क से जुड़े होंगे, वह देश के अन्य थानों से लिक हो जाएंगे। एफआइआर से लेकर थाने के अन्य डाटा को दूसरे थाने की पुलिस भी देख सकेगी। सीसीटीएनएस परियोजना इंटीग्रेटेड क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (आइसीजेएस) का एक हिस्सा है। इसके तहत न्यायालय, थाना, अभियोजन और एफएसएल को जोड़ा जाएगा। इससे थाने भी कोर्ट से सीधे जुड़ जाएंगे।
एफआइआर से लेकर वारंट तक ऑनलाइन हो जाएगा। उन्होंने बताया कि सीसीटीएनएस से आम लोगों को कई सुविधाएं मिलेंगी। लोग थानों में ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इसके अलावा चरित्र सत्यापन, खोये हुए और लापता सामग्रियों की सूचना, चोरी हुए वाहनों की जानकारी ऑनलाइन मिलेगी। इससे गुमशुदा व्यक्तियों और अज्ञात शवों की भी जानकारी हासिल की जा सकती है। घरेलू नौकर के सत्यापन से लेकर पासपोर्ट और वरीय नागरिकों के सत्यापन के लिए फॉर्म भरे जा सकते हैं। इसी तरह किसी को घर पर नौकर रखना है या फिर किसी की नौकरी की वेरिफिकेशन है, उसमें भी आसानी होगी। इतना ही नहीं ऑनलाइन शिकायत के अलावा पीड़ित अपनी एफआइआर को भी देख सकते है। इसके साथ ही केस की प्रगति का भी पता लगाया जा सकता है।एसपी ने बताया कि भारत सरकार के राष्ट्रीय ई गवर्नेंस प्लान के अधीन एक मिशन मोड परियोजना है। अपराध की जांच और अपराधियों की पहचान से संबंधित आईटी आधारित स्टेट ऑफ आर्ट ट्रैकिग प्रणाली के विकास के लिए ई-गवर्नेंस के सिद्धांत को अपनाते हुए और राष्ट्रव्यापी नेटवर्किंग आधारित संरचना के निर्माण के लिए पुलिस की कार्यकुशलता और प्रभाव को बढ़ाने के लिए एक व्यापक एवं समेकित प्रणाली का निर्माण करना सीसीटीएनएस का ध्येय है। अपराधियों का फिगरप्रिट ऑनलाइन किया जाएगा। फिगरप्रिट के सहारे अपराधियों का पूरा इतिहास पता लगा सकती है।
Posted By: Jagran
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