विद्यालयों में पढ़ाई नहीं होने से गरीब छात्र-छात्राओं के भविष्य पर लगा ग्रहण

पश्चिमी चंपारण। बगहा दो प्रखंड के अधीन चलने वाले 234 सरकारी विद्यालयों में शैक्षणिक कार्य काफी प्रभावित हो गया है। कई विद्यालयों में तो तालाबंदी भी हो चुकी है। ऐसे में इन पोषक क्षेत्र के छात्र-छात्राओं के भविष्य पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। अभिभावक भी अब अपने बच्चों को लेकर गंभीर हो गए हैं। इस समस्या के समाधान के लिए विभिन्न पंचायत के मुखिया भी आगे आ रहे हैं।

बैरागी-सोनबरसा पंचायत के मुखिया गोरखनाथ उरांव ने बीते 26 फरवरी को सीएम नीतीश कुमार को पत्र लिख शांति पूर्वक कोई रास्ता निकालने का आग्रह किया है। मुखिया ने अपने पत्र में लिखा है कि अब विद्यालयों में पढ़ाई की व्यवस्था चरमरा सी गई है। बच्चे भी 13 दिनों से विद्यालय नहीं जाने के कारण इधर-उधर भटक रहे हैं। इनके अभिभावक भी बहुत नाखुश है। विदित हो कि बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति पटना के आह्वान पर विभिन्न मांगों को लेकर सभी नियोजित शिक्षक 17 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। प्रखंड इकाई बगहा दो के अभय सिंह, अनिल सिंह, पवन कुमार, पिटू कुमार व शैलेंद्र कुमार के नेतृत्व में सभी नियोजित शैक्षणिक कार्य से अलग हुए हैं। वार्षिक मूल्यांकन परीक्षा पर भी संशय
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जिला शिक्षा पदाधिकारी बेतिया द्वारा 28 फरवरी को निर्गत किए पत्र के अनुसार आगामी 16 मार्च से वार्षिक मूल्यांकन परीक्षा शुरू होना है। कक्षा एक से आठ तक के सभी छात्र-छात्राएं का वार्षिक परीक्षा 30 मार्च चलेगा। अधिकांश प्रारंभिक व मध्य विद्यालय में नियोजित शिक्षक नियुक्त किए गए हैं। यहां पर पूर्ण रूप से पठन-पाठन प्रभावित है। ऐसे में इन विद्यालयों में परीक्षा पर भी संशय बना हुआ है। अभिभावक भी हैं चितित
बीते दो सप्ताह से करीब करीब सभी सरकारी विद्यालयों में शैक्षणिक कार्य काफी प्रभावित हो गया है। चिउटहां निवासी रामनाथ राम, अजय यादव, राजेश साह, जयप्रकाश उरांव व ताहिर खान आदि ने बताया कि इनके बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं। कारण वहां पढ़ाई नहीं हो रहा है। ऐसे में बच्चे दिन भर इधर-उधर भटकते फिर रहे हैं।
Posted By: Jagran
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