खुद बीमार है नौहट्टा का रेफरल अस्पताल, इसका कौन करेगा इलाज !



- रेफरल अस्पताल पर इलाज के लिए प्रखंड के 90 हजार आबादी निर्भर है । जिसमें 70 फ़ीसदी आबादी असहाय और गरीबों की है
- पहाड़ी क्षेत्र में रहने वाले हजारों लोग झोला छाप ग्रामीण चिकित्सकों के भरोसे हैं। 30 बेड वाला इस अस्पताल के सभी बेड फटे पुराने हैं।
- कर्मियों की कमी के बावजूद अन्य जगहों पर की गई प्रतिनियुक्ति
संवाद सहयोगी, डेहरी ऑन सोन : रोहतास। डेहरी अनुमंडल का एक मात्र रेफरल अस्पताल नौहट्टा खुद बीमार है। ऐसे में मरीजों का इलाज कैसे होगा। यह यक्ष प्रश्न है। इसकी दशा और दिशा सुधारने के लिए विभाग कोई प्रयास भी नहीं कर रहा है। स्थिति यह कि पहाड़ी क्षेत्र में रहने वाले हजारों लोग झोला छाप ग्रामीण चिकित्सकों के भरोसे हैं। 30 बेड वाला इस अस्पताल के सभी बेड फटे पुराने हैं। चिकित्सकों एवं चिकित्सा कर्मियों के पद के अनुरूप पद स्थापना नहीं होने के बावजूद यहां से चार एएनएम की प्रतिनियुक्ति कर विभागीय आदेश को धत्ता बता रहे हैं।
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ग्रामीणों की मानें तो अस्पताल परिसर में मौजूद सभी भवन क्षतिग्रस्त हैं । कभी भी कोई अनहोनी हो सकती है। इस सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में इलाज के लिए जब कोई मरीज आता है तो वह व्यवस्था देख काफी निराश हो जाता है। यहां ना ही उचित बेड की व्यवस्था है ना ही मरीजों को रात में ठहरने की। वर्तमान में तीन चिकित्सक कार्यरत हैं जबकि 13 का पद वर्षो से रिक्त है। इसमें एक भी महिला चिकित्सक नहीं है । आधी आबादी को बेहतर चिकित्सा उपलब्ध कराने के दावे यहां कोरा साबित हो रहा है। रेफरल अस्पताल व उपकेंद्र मिलाकर 28 एएनएम का पद सृजित है। जबकि 17 ही कार्यरत हैं । उसमें भी चार एएनएम की प्रतिनियुक्ति दूसरे पीएचसी में की गई है। यह सवाल संदेह के घेरे में है कि •िाला स्वास्थ्य प्रबंधन आखिर किस तरह की स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करना चाहता है। ओटी असिस्टेंट के तीन पद स्वीकृत हैं और सभी रिक्त हैं । फार्मासिस्ट के दो व एलएचवी के दो पद हैं वह भी रिक्त हैं। , नेत्र सहायक व लैब टेक्नीशियन का एक-एक पद रिक्त है। दवा भंडार गृह में सभी दवा उपलब्ध नहीं है। अस्पताल में पहुंचने वाले मरीज दवा उपलब्ध नहीं रहने की स्थिति में अधिकांश दवा बाहर से खरीदने को मजबूर हैं। परिवार नियोजन सुविधा या ऑपरेशन कराने आई महिलाओं के लिए भी अस्पताल प्रबंधन समुचित व्यवस्था देने में नाकाम है । न उनके लिए रात्रि में ठहरने की व्यवस्था है ना ही शौचालय या पेयजल की। भाजपा के पूर्व जिला उपाध्यक्ष अरुण कुमार चौबे, पूर्व प्रमुख पदम प्रसाद कहते हैं कि रेफरल अस्पताल पर इलाज के लिए प्रखंड के 90 हजार आबादी निर्भर है । जिसमें 70 फ़ीसदी आबादी असहाय और गरीबों की है। बावजूद इसके कई बार जिला चिकित्सा पदाधिकारी को मामले से अवगत कराया गया । बावजूद इसके अभी तक महिला चिकित्सक और अन्य कर्मियों के पदस्थापना पर कोई विचार नहीं किया गया है, बल्कि चार लोगों को यहां से और हटा दिया गया और एक चिकित्सक मुकेश कुमार का स्थानांतरण कर दिया गया। जिससे स्थिति और गंभीर बन गई है।
कहती हैं प्रखंड प्रमुख :
प्रखंड के 90 हजार से अधिक की आबादी चिकित्सा सेवा से वंचित है। रेफरल अस्पताल में डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मी दोनों का घोर अभाव है। सिविल सर्जन द्वारा नियम को ताक पर रख चार एएनएम की प्रतिनियुक्ति भी अन्यत्र कर दी गई है। कई वर्ष से रोगी कल्याण समिति की बैठक भी नहीं कराई गई है। पूरी स्थिति से डीएम व स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को अवगत कराया गया है।
ज्ञान्ति देवी
प्रखंड प्रमुख- रोहतास
Posted By: Jagran
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