कोरोना वायरस: आम जनों को किया जा रहा है जागरूक, दी जा रही है बचाव की जानकारी

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- सदर अस्पताल में खुला दो बेड का आइसोलेशन वार्ड, जीवन रक्षक दवाओं का इंतजाम
जासं, छपरा : कोरोना वायरस के प्रति स्वास्थ्य महकमा सजग हो गया है। इस क्रम में एहतियातन सदर अस्पताल में दो बेड का आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। उसके लिए आवश्यक दवाओं और स्थानीय स्तर पर होने वाली जांच की व्यवस्था की गई है। हालांकि अब तक जिले में कोरोना वायरस का कोई मरीज नहीं मिला है। फिर भी पूरी सावधानी बढ़ती जा रही है। जिले के लगभग 400 स्वास्थ्य उप केंद्रों पर एएनएम के माध्यम से ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है। आशा गांव-घर में लोगों को सतर्क कर रही हैं। सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा ने बताया कि सरकार के निर्देश के आलोक में यह कदम उठाया गया है। उन्होंने कहा कि इसके कारण लक्षण तथा बचाव के उपाय के बारे में आम जनों को अवगत कराने के लिए हैंड बिल तथा पर्चा का वितरण कराया जा रहा है। शहर के सभी प्रमुख स्थानों पर फ्लैक्स लगाए गए हैं। सदर अस्पताल में जीवन रक्षक दवाओं का पर्याप्त मात्रा में प्रबंध किया गया है। स्थानीय स्तर पर होने वाली इमरजेंसी टेस्ट की भी व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि जिले में इस बीमारी के लक्षण वाले कोई भी संदिग्ध मरीज अब तक नहीं पाए गये हैं।
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आमजनों को करें जागरूक, बचाव की दें जानकारी : डीएम
जासं, छपरा : कोरोना वायरस के प्रति आमजनों को जागरूक करें और इसके लक्षण, कारण व बचाव के बारे में जानकारी दें। उक्त बातें जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने बुधवार को कही। उन्होंने जिले के सभी पदाधिकारियों, प्रखंड विकास पदाधिकारियों, अंचलाधिकारियों, नगर पंचायतों के कार्यपालक पदाधिकारियों एवं सभी थानाध्यक्षों को निर्देश दिया कि कोरोना वायरस के संक्रमण के लक्षण एवं बचाव के तरीकों के बारे में अपने अधीनस्थ कर्मियों को बताकर उन्हें जागरूक करें। जिलाधिकारी ने कहा कि कोरोना वायरस एक प्रकार के वायरस से होने वाली संक्रामक बीमारी है। यह मानव एवं पशु दोनों को संक्रमित करता है। बचाव के लिए आमजनों को जागरूक करने की जरूरत है, क्योंकि इससे बचाव का कोई टीका फिलहाल उपलबध नहीं है। उन्होंने कहा कि अचानक बुखार, खांसी, उल्टी, सांस लेने में तकलीफ तथा न्यूमोनिया इसके लक्षण हैं। इसका फैलाव संक्रमित व्यक्ति के सीधे सम्पर्क में आने से, संक्रमित व्यक्ति के खांसने व छींकने से निकले तरल पदार्थ से तथा रोगी या रोगी के इस्तेमाल में आये उपकरणों को छुने के बाद अपने नाक, मुंह या आंख छूने से होता है। इसके संक्रमण से न्यूमोनिया या गुर्दा संबंधी गंभीर बीमारी होती है।
इससे बचने के लिए नियमित रूप से हाथों को साबुन से धोएं। खांसते या छींकते समय अपने नाक व मुंह को ढ़के। मांस और अंडे को अच्छी तरह से पकाकर खाएं। किसी व्यक्ति में फ्लू के लक्षण हो तो, उनके सम्पर्क में जाने से बचें। जंगली या पालतु पशुओं के सम्पर्क में विशेष सावधानी से जाएं। प्रभावित क्षेत्रों से आए लोगों में लक्षण दिखे तो अविलंब नजदीकी अस्पताल से संपर्क करें। जिलाधिकारी ने कहा कि इससे घबराने की जरूरत नहीं है, परन्तु सावधानी बरतनी जरूरी है।
Posted By: Jagran
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