होली का चढ़ा रंग, घर लौटने लगे परदेशी



आपसी प्रेम व भाईचारे का प्रतीक रंगों का त्योहार होली में लोग अपने घरों को लौटने लगे है। रविवार के दिन गांव और शहर लौटने वालों की भीड़ अधिक देखी गई। बस पड़ाव से लेकर रेलवे स्टेशन पर भीड़ से लोगों को परेशानी का सामना भी करना पड़ा।बसों और ट्रेनों में भी यात्रियों का दबाव बढ़ गया है।
ट्रेनों में आरक्षण नहीं मिल रहा है। कई महत्वपूर्ण ट्रेनों में नो रुम की स्थिति है। होली का रंग हर किसी के सिर चढ़ बोलने लगा है। रंग व अबीर-गुलाल से बाजार पट गए हैं। नए कपड़ों की खरीदारी भी शुरू हो गई है। दूसरे शहरों व प्रदेशों में रोजी रोटी के लिए गए लोग अब घर के लिए लौटने लगे हैं। ढ़ोल मजीरे की ताल पर होरी गीत से माहौल खुशनुमा हो गया है।
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नौ को होलिका दहन व 10 को होगा रंगोत्सव:
नौ मार्च की रात के होलिका दहन के बाद रंगोत्सव 10 मार्च को मनाया जाएगा। होलिका दहन को ले जगह- जगह रेड़ रख सोमवार की रात होलिका दहन करेंगे। इसे ले गांवों में काफी उत्साह है। संबत के पास बच्चे प्रतिदिन जलावन के रूप में लकड़ी, गोईठा व पुआल इकट्टा कर रहे हैं।
रंग अबीर से पटा बाजार:
बाजार में रंग, अबीर व गुलाल की खरीदारी करने में जुट गए है। इसके अलावा उजले रंग के कुर्ता-पायजामा भी बाजार में खूब बिक रहे हैं। केमिकल रहित रंग-अबीर, रावाईश, बम पटाखा सहित बच्चों के मनोरंजन के अन्य सामानों की दुकानें भी सज गई है। चाइनीज पिचकारी से लेकर रंग तक की खरीदारी करने से लोग परहेज कर रहे है।
Posted By: Jagran
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