गायत्री शक्तिपीठ में होली मिलन समारोह

सहरसा। शहर के गायत्री शक्तिपीठ में होली मिलन समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर ट्रस्टी डा. अरूण कुमार जायसवाल ने कहा कि होली वसंत उत्सव का चरम है। होली उन्मुक्तता, उल्लास और आनन्द का पर्व है। अपने अंदर के जहर को विरेचन करने का पर्व है। अगर आपके अंदर मौन, स्थिरता और लहरें नहीं उठेगी तो होली उत्सव का आनंद नहीं ले पाएंगे। उन्होंने कहा कि वर्ष में चार रात्रि महत्वपूर्ण होती है- मोहरात्रि-

कृष्णाष्टमी, दारूणरात्रि-होली, कालरात्रि- दीपावली तथा महारात्रि- शिवरात्रि। इस अवसर पर अंतरिक्ष से विशेष ऊर्जा धरती पर आती है। इस समय की गयी साधना उपासना फलित होती है। इस अवसर पर अनेक कार्य हुए। जिसमें नृत्य, हास्य-व्यंग्य एवं कविता पाठ हुआ। शंकर एवं प्रखर द्वारा होली के गीत गाया गया। ट्रस्टी डा. अरूण कुमार जायसवाल ने गीत होली का आया त्योहार..गाकर तालियां बटोरी। राखी एवं मधु ने नृत्य कर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस मौके पर भगवान नरसिंह का पूजन किया गया एवं मिट्टी का रजकण से तिलक भी हुआ। पूजन का कर्मकाण्ड मनीषा, जयन्ती तथा प्रज्ञा ने करवायी तथा पूजन के मुख्य यजमान मानस एवं उनकी धर्मपत्नी सोना थी। पूजनोपरान्त होलिका दहन का कार्यक्रम संपन्न हुआ। इसके बाद मौजूद लोंगो ने एक दूसरे को अबीर- गुलाल लगाकर होली की शुभकामना दी तथा प्रसाद ग्रहण किया। इस अवसर पर मुख्य ट्रस्टी डा.प्रकाश लाल दास, संतोष दत्ता, ललन कुमार सिंह, श्यामानंद लाल दास, हरेकृष्ण साह, पप्पू गनेरीवाल, दिनेश दिनकर, हरीश जायसवाल, नवल सिंह, रामचंद्र सिंह, सुबोध भगत, लीना सिन्हा आदि मौजूद थे।
प्रतिभा सिंह बघैल के सुरों से सजेगी कोसी महोत्सव की महफिल यह भी पढ़ें
Posted By: Jagran
डाउनलोड करें जागरण एप और न्यूज़ जगत की सभी खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस

अन्य समाचार