कहीं सेविका का दलान तो कहीं खुला आसमान

संवाद सूत्र, सरायगढ़(सुपौल): बाल विकास परियोजना द्वारा संचालित आंगनबाड़ी केंद्र सरायगढ़-भपटियाही प्रखंड में कई समस्याओं से जूझ रहा है। इस प्रखंड क्षेत्र में लगभग 105 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित है। जहां 5 वर्ष तक के बच्चे को स्कूल पूर्व शिक्षा दी जाती है। ये बच्चे केन्द्रों पर शिक्षा लेने के बाद विद्यालय पहुंचते हैं जहां उसकी पहली कक्षा में नामांकन होता है। एक केन्द्र पर 40 बच्चों का नामांकन है जिसके लिए सेविकाओं को राशन की राशि दी जाती है। इसके अलावा कुपोषित अति कुपोषित, गर्भवती, धातृ और किशोरी के लिए भी राशि मिलती है। पोषक क्षेत्र के कुछ लोगों का कहना है कि उसके घर पर लोग जाना नहीं चाहते और इसका वह पूरा फायदा उठाती है। अपने ही दलान का भाड़ा भी विभाग से लेती है। कुछ ऐसे केन्द्र हैं जो सेविकाओं की मनमानी का शिकार है। इन केन्द्रों पर टीएचआर वितरण से लेकर बच्चों को खाना देने तक में भी भारी गड़बड़ी की जाती है।

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नहीं है अपना भवन
यहां के अधिकांश केन्द्रों को अपना भवन नहीं है। इस कारण सेविका द्वारा लोगों का घर भाड़े पर लेकर केन्द्र चलाया जाता है। जानकारी अनुसार भवन बनाने हेतु राशि उपलब्ध है लेकिन जमीन ही नहीं मिल रही है। सीडीपीओ हर बैठक में इस मुद्दे को उठाकर जनप्रतिनिधियों से अपील की जाती है। लेकिन कोई सफलता नहीं मिल रही है। हालात यह है कि कुछ केन्द्र के बच्चे खुले आसमान के नीचे पढ़ने को विवश हैं।
Posted By: Jagran
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