आपात स्थिति में आकस्मिक इकाई बना सकेंगे डीएम

मधुबनी। कोरोना वायरस के विश्व एवं देश में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार हाई अलर्ट पर है। इसको लेकर मंगलवार को बिहार सरकार ने स्पेशल गजट के माध्यम से इसे महामारी में शामिल किया है। 'बिहार महामारी, सीओवीडी-19 अधिनियम 2020' से राज्य में कोरोना वायरस की रोकथाम में आसानी होगी।

संक्रमण की रोकथाम के लिए नोडल पदाधिकारी किए गए नामित
कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के मद्देनजर राज्य से लेकर प्रखंड स्तर पर नोडल पदाधिकारी नामित किए गए हैं। इसमें राज्य स्तर पर निदेशक प्रमुख (संक्रामक रोग), जिला स्तर पर जिलाधिकारी, सिविल सर्जन, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी, अनुमंडल एवं प्रखंड स्तर पर संबंधित अनुमंडल अधिकारी एवं प्रभारी चिकित्साधिकारी को नोडल अधिकारी के रूप में नामित किया गया है।
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सरकारी अस्पतालों के साथ निजी अस्पतालों को भी देना होगा योगदान
कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सरकारी अस्पतालों के साथ अब निजी अस्पतालों को भी कुछ अनिवार्य सहयोग प्रदान करना होगा। इसमें सभी अस्पतालों (सरकारी एवं निजी) में फ्लू कार्नर स्थापित करने अनिवार्य होंगे। इसमें कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों की जांच अनिवार्य होगी। साथ ही अब सभी अस्पतालों को कोरोना वायरस के सदिग्ध एवं संक्रमित मरीजों की पूरी रिकॉर्ड भी रखनी होगी। यदि मरीज विदेश या ऐसे क्षेत्र से आए हों, जहां कोरोना वायरस केस की अधिकारिक पुष्टि हुई हो। तब ऐसे मरीजों का संपूर्ण विवरण अस्पतालों को रखना होगा। साथ ही मरीज के द्वारा किसी संदिग्ध मरीज के संपर्क में आने की स्थिति में भी उसकी पूरी जानकारी सभी अस्पतालों को रखनी होगी।
अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ होगी कानूनी कार्रवाई
अधिनियम के तहत किसी भी व्यक्ति, संस्था, संगठन को कोरोना वायरस को लेकर किसी भी तरह के अफवाह फैलाने पर दोषी पाया जाता है, तब उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। वहीं किसी व्यक्ति में कोरोना वायरस के लक्षण पिछले 14 दिनों से होने पर उन्हें जिला एवं मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में बने आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट किया जाएगा। साथ ही स्टैंडर्ड प्रोसीजर के मुताबिक उनकी सीओवीडी-19 की जांच भी जाएगी। यदि कोई व्यक्ति विदेश या सीवीओडी-19 प्रभावित क्षेत्र से 29 फरवरी के बाद राज्य में आता है, लेकिन उनमें कोरोना वायरस संक्रमण का कोई लक्षण (बुखार, सर्दी एवं सांस लेने में तकलीफ) नहीं मिलता है। ऐसी स्थिति में उन्हें अपने घर पर ही रहने की सलाह दी गई है। साथ ही उन्हें एहतियात बरतते हुए अगले 14 दिनों तक किसी भी व्यक्ति के संपर्क में नहीं आने की हिदायत भी दी गई है। जिलाधिकारी आपातकाल स्थिति में करेंगे जरुरी कार्रवाई
अधिनियम के तहत यदि सीओवीडी-19 मामले की रिपोर्टिंग किसी गांव, शहर, वार्ड या कॉलोनी से होती है। तब जिलाधिकारी को जरुरी कदम उठाने का अधिकार होगा. जिसमें..
--प्रभावित क्षेत्र को सील करना।
--संक्रमित क्षेत्र से किसी व्यक्ति का बाहर जाना या बाहर से उस क्षेत्र में आने को रोकना।
--स्कूल, ऑफिस एवं पब्लिक गैदरिग को बंद करना।
--सीओवीडी-19 मामलों की एक्टिव एवं पैसिव सर्विलांस करना
--अस्पताल से सभी सदिग्ध मामलों का अलगाव करना
--किसी भी सरकारी एवं निजी भवन को मामलों के अलगाव के लिए आकस्मिक इकाई के रूप में नामित करना अधिनियम का अनुपालन नहीं करने पर पेनाल्टी:
यदि किसी व्यक्ति, संस्था, संगठन को अधिनियम में उल्लेखित किसी भी नियम को नहीं मानने का दोषी पाया जाता है तब भारतीय पैनल कोड( 1680 का 45) के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
Posted By: Jagran
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