कोरोना वायरस से घबराएं नहीं, सावधानी बरतें: डॉ. ज्ञान भूषण

संवाद सहयोगी, किशनगंज : कोरोना वायरस से घबराने की जरूरत नहीं है। खुद को स्वच्छ रखने की जरूरत है। भीड़ से भी बचें। इस सिलसिले में एमजीएम मेडिकल कॉलेज के आइसोलेशन वार्ड में प्रतिनियुक्त चिकित्सक सह असिस्टेंट प्रोफेसर ऑफ मेडिसिन डॉ. ज्ञान भूषण रमन ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। लोग भयभीत हो रहे हैं लेकिन इसकी जरूरत नहीं है। इस बीमारी के रोकथाम का बस एक ही तरीका है, अपने आप को स्वच्छ रखें और बाहरी लोगों के संपर्क से दूर रहें। भीड़-भाड़ वाले इलाके में जाने से बचें।

उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस से बचने के लिए अच्छी तरह से हाथ धोएं, बाहर से घर में प्रवेश करते समय भी हाथ धोएं, बच्चों को एवं अपने शरीर के अंगों को नहीं छुएं। हाथ कम से कम 30 सेकेंड तक धोएं, अगर हैंडवॉश नहीं है तो अच्छी तरह से साबुन से ही हाथ धोएं। हाथ धोते समय हाथों की अंगुली के बीचोंबीच की अच्छी तरह से सफाई करें। उन्होंने कहा कि सर्दी, बुखार, दस्त, बदन दर्द जैसे लक्षण पाए जाने पर तुरंत नजदीकी अस्पताल में संपर्क करें। इन मरीजों को सबसे पहले यह पता करना चाहिए कि वह किसी बाहरी लोगों के संपर्क में तो नहीं थे। या किसी कोरोना वायरस मरीज के संपर्क में तो नहीं आए थे या किसी कोरोना वायरस पाए जाने वाले स्थान पर तो नहीं गए थे। इन सब बातों का पहले पड़ताल कर लें।
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बुजुर्ग व गंभीर बीमारी वाले व्यक्तियों पर कोरोना वायरस करता है अटैक
डॉ. ज्ञान भूषण रमन का कहना है कि  कोरोना वायरस ओल्ड एज यानी बुजुर्ग व गंभीर बीमारी जैसे कैंसर, एड्स, हेपेटाइटिस, टीवी आदि जैसे गंभीर बीमारी वाले मरीजो को कोरोना वायरस जल्द अटैक करता है। कोरोना वायरस के कारण ऐसे मरीजों की मृत्यु दर भी सबसे अधिक है। हमें इससे घबराने की जरूरत नहीं है, बस सावधानी बरतनी  है। 100 में 94 लोगों को कोरोना वायरस संक्रमण का असर बहुत कम होता है और वह जल्द ठीक हो जाते हैं। महज छह फीसद लोगों को कोरोना वायरस अपनी चपेट में ले लेता है, जिससे मृत्यु भी हो जाती है। इन छह फीसद मरीजों के कोरोना वायरस से मृत्यु का कारण  ओल्ड ऐज व गंभीर बीमारी जैसे कैंसर, एड्स, हेपेटाईटिस, टीवी आदि होना बताया जा रहा है।
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बिना वजह नहीं लगाएं मास्क
एमजीएम मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर ऑफ मेडिसिन डॉ. ज्ञान भूषण रमन ने मास्क पहनने को लेकर कहा कि सबों को मास्क पहनने की जरूरत नहीं है। उन्होंने बताया कि जिस किसी को बुखार, सर्दी, बदन दर्द, दस्त हो रहा हो तो वैसे लोग ही मास्क लगाएं। कोरोना वायरस ग्रस्त मरीजों का इलाज करने वाले चिकित्सक व स्टाफ मास्क लगाते हैं। उन्होंने बताया कि मास्क लगाने से और वायरस  की फैलने की संभवना बनी रहेगी। मास्क लगाने वाले व्यक्ति के मास्क को वह खुद छुएं और परिवार में कोई अगर छूता है तो यदि मास्क में कोरोना वायरस है तो उस छूने वाले व्यक्ति को कोरोना वायरस होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए घर में यदि कोई बीमार है या कोरोना वायरस वाले स्थान पर जा रहे हैं तो तभी मास्क लगाएं।
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बुखार, सर्दी, बदन दर्द, दस्त होने पर छुपाए नहीं
कोरोना वायरस के भय को देखते हुए जो लोग अपनी बीमारी को छुपाने के प्रयास करेंगे वह अपनी जिदगी के साथ साथ परिवार व दूसरे की जिदगी के साथ भी खिलवाड़ करेंगे। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के संदिग्ध को एमजीएम मेडिकल कॉलेज बने आइसोलेशन वार्ड में 24 घंटे चिकित्सक की देख रेख में 14 दिनों तक रखा जाएगा।
Posted By: Jagran
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