सभी चरित्रों के नायक थे भगवान कृष्ण : आचार्य लक्ष्मीनिधि

जीरादेई (सिवान) । प्रखंड के भैंसाखाल राम जानकी मंदिर परिसर में चल रहे शतचंडी महायज्ञ के छठे दिन गुरुवार को आचार्य लक्ष्मीनिधि ने प्रवचन के दौरान कहा कि भगवान कृष्ण सभी चरित्रों के नायक थे। महाभारत के चरित्रों में अकेले कृष्ण थे, जिनका किसी न किसी रूप में प्राय: सभी चरित्रों से जुड़ाव रहा। उनकी सबसे बड़ी विशेषता यह थी कि वे सिंहासन पर विराजमान सम्राट से लेकर गली कूचों में घूमने वाली ग्वालिनों तक सबसे उनके स्तर पर जाकर संवाद ही नहीं कर लेते थे उन्हें अपनी नीति और राजनीति का पोषक भी बना लेते थे। आचार्य ने कहा कि बचपन से लेकर प्रौढ़ावस्था तक देशभर में उन्होंने जो किया और जैसे किया, उनके सिवा और कौन कर सका। लक्ष्मीनिधि ने कहा कि अपने हर काम में वे विपक्षी को पस्त और निरस्त्र ही नहीं कर देते बल्कि उसे अपना अनुरक्त भी बना लिया करते थे। इस मौके पर मुख्य यजमान शुभनाथ मिश्र, सुभाष शर्मा, परम संत श्याम सुंदर दास, ई. हरिनारायण चौबे, विनय सिंह,विपिन उपाध्याय, सुधीर मिश्रा, कमलेश ओझा, अनुज पांडेय,सुग्रीव पांडेय, नितेश दुबे, रजनीश दुबे, मुकेश तिवारी समेत काफी संख्या में भक्तगण उपस्थित थे। वहीं पूजा के दौरान पूजा व यज्ञ मंडप की परिक्रमा को ले सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गई। वैदिक मंत्र व जयकार से पूरा वातावरण भक्तिमय बना हुआ है।

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Posted By: Jagran
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