प्रशासनिक रोक की ऐसी की तैसी, मनमाने ढ़ंग से हुआ साक्षात्कार

दरभंगा। ना कोरोना का भय, ना सरकार या राजभवन के निर्देशों की बंदिश, ना स्थानीय प्रशासन का डर, ना नियम-परिनयम की चिता, करेंगे वहीं जो मन करेगा। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के एक उपशास्त्री कॉलेज के शासी निकाय के सदस्यों ने। एक तरफ कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने व बचाव को देखते हुए सरकार एडवाइजरी जारी कर चुकी है। राजभवन व शिक्षा विभगा से विश्वविद्यालयों को निर्देश जारी हैं। इस आलोक में सभी उपशास्त्री कॉलेजों को 31 मार्च तक के लिए बंद कर दिया गया है। बावजूद, विवि के वित्त सहित उपशास्त्री कॉलेजों में शामिल अमी लाल बबुआ संस्कृत उपशास्त्री कॉलेज, खारा बुधामा, मधेपुरा में विभिन्न पदों पर नियुक्ति को लेकर गुरुवार को साक्षात्कार हुआ। दिलचस्प यह कि साक्षात्कार मधेपुरा में ना होकर पूर्णिया में हुआ। पहले साक्षात्कार के लिए पूर्णिया के भट्ठा बाजार, काली बारी रोड स्थित होटल कौशिकी को चुना गया। शासी निकाय के सचिव व विश्वविद्यालय के कुलानुशासक डॉ. श्रीपति त्रिपाठी के हस्ताक्षर से 11 मार्च को जारी कॉल लेटर पर भी साक्षात्कार स्थल के रूप में इसी होटल का नाम दर्ज है। इधर, पूर्णिया के स्थानीय प्रशासन को साक्षात्कार की भनक लगी तो होटल संचालक को प्रशासन ने हड़काया। हालांकि, साक्षात्कार में शामिल होने के लिए अभ्यर्थी गुरुवार की सुबह होटल पहुंचे तो उन्हें वहां से करीब एक किलोमीटर दूर एक निजी आवास में बुलाया गया और आनन फानन में साक्षात्कार की औपचारिकता पूरी कर ली गई। इस साक्षात्कार के होने से एक साथ कई सवाल उठ रहे हैं जिसका जवाब देने को कोई तैयार नहीं। आखिर अवकाश के बावजूद ऐसी क्या परिस्थिति बनी की इतने विकट हालात में साक्षात्कार का आयोजन किया गया। ऐसी क्या वजह रही कि मधेपुरा के कॉलेज में नियुक्ति के लिए साक्षात्कार पूर्णिया के एक होटल में निर्धारित किया गया। पूर्णिया के स्थानीय प्रशासन की रोक के बावजूद निजी आवास में साक्षात्कार के पीछे क्या औचित्य बनता है। इस पूरे मामले में राजभवन भी सवालों के घेरे में आ गया है। साक्षात्कार के आयोजन को लेकर वहां भी शिकायत दर्ज कराई गई थी, लेकिन वहां से ना कोई निर्देश जारी हुआ ना कोई कार्रवाई की गई। साक्षात्कार को लेकर राजभवन में शिकायत करने वालों का आरोप है कि यह गुपचुप तरीके से विवि के पदाधिकारियों के रिश्तेदारों, नजदीकी कर्मियों व चहेतों के नियोजन के उद्देश्य से आयोजित हो रहा है। अब जबकि, सभी पाबंदियों के बाद भी इस साक्षात्कार को अंजाम दिया गया है तो इससे उठने वाले सवाल इन आरोपों की पुष्टि कर रहे हैं। इधर, साक्षात्कार के लिए गठित चयन समिति के एक वरिष्ठ सदस्य विवि के पूर्व कुलपति रह चुके डॉ. रामचंद्र झा ने साक्षात्कार होने की पुष्टि तो की, लेकिन इसके अलावा कोई भी अन्य जानकारी देने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि शेष प्रश्नों का जवाब आयोजन समिति से लेना ही उचित होगा। साक्षात्कार कहां हुआ यह भी बताना से वे हिचक गए।

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पूर्णिया के प्रशासन ने होटल में साक्षात्कार पर लगाई रोक :
होटल में साक्षात्कार के आयोजन की सूचना मिलते ही पूर्णिया का स्थानीय प्रशासन हरकत में आ गया। स्थानीय एडीएम ने एसडीओ को तत्काल आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दिया। एसडीओ के कहने पर स्थानीय थाना की पुलिस होटल पहुंची और किसी प्रकार के भीड़ को नहीं जुटाने और साक्षात्कार का आयोजन नहीं करने का निर्देश होटल संचालक को दिया। पूर्णिया के होटल कौशिकी के मैनेजर अमित कुमार ने बताया कि प्रशासन की ओर से होटल में साक्षात्कार का आयोजन नहीं करने का निर्देश मिला है। कहा कि गुरुवार को होटल में किसी प्रकार के साक्षात्कार का आयोजन नहीं किया गया है।
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अभ्यर्थियों को नहीं थी किसी से बात करने की अनुमति :
होटल पर मामला बिगड़ता देख और दैनिक जागरण में बुधवार को खबर प्रकाशित होने के बाद साक्षात्कार आयोजन करने वाले सचेत हो गए। होटल से निजी आवास पर पहुंचते ही अभ्यर्थियों के मोबाइल फोन बंद करवा दिए गए। ऐसे में पूरे दिन संशय की स्थिति बनी रही। साक्षात्कार मंडल में शामिल लोग भी मौन रहे। वहीं, शासी निकाय के सचिव प्रो. श्रीपति त्रिपाठी खुद को सारी बातों से अनभिज्ञ बताते रहे, जबकि कई आवेदकों ने साक्षात्कार स्थल पर उनकी उपस्थिति की पुष्टि की। अभ्यर्थियों को यह निर्देश भी दिया गया कि वे साक्षात्कार होने की पुष्टि ना करें।
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कोट ::
मैं पूरे दिन मधेपुरा में कॉलेज पर हूं। पूर्णिया में साक्षात्कार का आयोजन किया गया या नहीं, इसकी कोई सूचना नहीं है। चार विषय के लिए साक्षात्कार का आयोजन होना था। सभी विषयों के लिए अलग-अलग चयन समिति बनाई गई थी। इनमें ज्योतिष, हिदी, अर्थशास्त्र व संस्कृत विषय शामिल हैं। शिक्षकों के चार एवं शिक्षणेत्तर कर्मियों के तीन पदों के लिए साक्षात्कार आयोजित होना था। सभी विशेषज्ञ बिहार के विभिन्न जिलों से लिए गए हैं। एक बाह्य विशेषज्ञ जम्मू-कश्मीर के थे, वे आए या नहीं इसकी जानकारी नहीं है। करीब 20 कॉल लेटर जारी किए गए थे। कोरोना वायरस को लेकर जो निर्देश जारी हुए उसके आलोक में कक्षाएं बंद हैं। चूंकि, अभ्यर्थी कम थे, इसलिए साक्षात्कार का आयोजन निर्धारित किया गया। साक्षात्कार के संबंध में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। किसी सदस्य से संपर्क नहीं हो पा रहा। जानकारी मिलते ही अवगत करूंगा।
- डॉ. श्रीपति त्रिपाठी, सचिव, शासी निकाय सह कुलानुशासक, संस्कृत विवि, दरभंगा।
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Posted By: Jagran
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