महिलाओं में खुशी .. बताया जैसी करनी वैसी भरनी

जमुई। आदत से इतर आशा देवी शुक्रवार की सुबह-सुबह ही टीवी के सामने जम गई। जैसे ही टीवी स्क्रीन पर खबर आई कि निर्भया कांड के चारों दोषियों को फंसी दे दी गई, उनका शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा जाएगा, इतना सुनते ही आशा देवी खुशी से उछल पड़ी और जोर-जोर से चिल्लाने लगी मिल गया इंसाफ, हो गया न्याय। जय हो..जय हो और इसके साथ ही उसने पूजा रूम में बाहर से भगवान को प्रणाम कर माथा टेक कर धन्यवाद दिया फिर इत्मीनान के साथ चूल्हा पर गैस का पतीला चढ़ा स्वजनों को उठाने लगी। आशा के चेहरे पर इत्मीनान व मुस्कुराहट महिलाओं की उम्मीद व आस का प्रतीक बना था।


जिले में निर्भया कांड के दोषियों की सजा की खबर से लोगों में प्रसन्नता दिखी। कोरोना वायरस से बचाव को लेकर सामुदायिक भीड़ से दूर रहने कोशिश के बीच महिलाओं ने अपनों के साथ खुशियां बांटी। एक सज्जन ने कहा कि उन्हें तीन बेटी है। निर्भया कांड के बाद बेटियों के घर से बाहर निकलते ही अंजाना डर लगा रहता था। आज थोड़ी शांति मिली है। अब सभ्यता की चादर ओढ़े दरिदों में मौत का डर होगा। साधना सिंह, स्नेहलता, कृति, प्राची आदि ने कहा कि बहुत खुश हैं। घर से बाहर नहीं निकल सकते इसलिए घर में ही बधाई बांट कर ईश्वर को धन्यवाद दे रहे हैं। साथ ही निर्भया की मां और उनके वकील को भी बधाई जो उन्होंने निर्भया की आवाज को देश की आवाज बना न्याय लिए संघर्ष करती रही। बेटे की तरह ही बेटियां भी मां-बाप के आंख के तारे होते हैं। बुरी मानसिकता वाले को सीख मिल गई होगी। शहर सहित गांव में लोग इस घड़ी का इंतजार कर रहे थे। कई लोगों ने कहा कि उन्हें नहीं पता था कि उनके घर की महिलाएं निर्भया कांड को लेकर इतनी आक्रोशित थी। आज उनकी खुशी देख एहसास हुआ कि सचमुच नारी धैर्य की मूर्ति है। हालांकि महिलाओं ने कहा कि दोषियों के मां-बाप व पत्नी के साथ सहानुभूति है पर नारी जाति की सुरक्षा के मद्देनजर न्याय मील का पत्थर साबित होगा।
Posted By: Jagran
डाउनलोड करें जागरण एप और न्यूज़ जगत की सभी खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस

अन्य समाचार