माध्यमिक शिक्षकों ने की भूख हड़ताल

जहानाबाद। अपनी मांगों के समर्थन में 25वें दिन हड़ताली शिक्षक अपने समान काम के बदले समान वेतन को लेकर डटे हैं। प्रदर्शन के उपरांत अब वे लोग भूख हड़ताल का रास्ता अख्तियार कर लिए हैं। हड़ताल की अध्यक्षता बैजनाथ शर्मा ने की। सचिव विद्यानंद शर्मा ने कहा कि शिक्षकों पर प्राथमिकी एवं निलंबन किया गया है वह अवैध है। वायरस से बचाव को लेकर जन जागरण बढ़ाने पर बल दिया गया। जो शिक्षक मूल्यांकन कार्य में लगे हैं वे अपने घर आ जाएं। सरकार एक तरफ भीड़ नहीं लगाने की अपील कर रही है वहीं शिक्षकों से जबर्दश्ती कार्य कराया जा रहा है। मूल्यांकन कार्य में लगे कम ही शिक्षकों की सेवा अवधि तीन वर्ष पूर्ण हुआ है। विषयवार शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति नहीं की गई है। विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। वायरस को लेकर सभी परीक्षाएं स्थगित कर दी गई लेकिन बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा मूल्यांकन का कार्य कराया जा रहा है। सरकार 2015 में ही तीन महीने के अंदर सेवाशर्त लागू करने का लिखित संकल्प जारी किया था। अपनी विफलता के छिपाने के लिए उल्टे सरकर शिक्षकों को बदनाम कर रही है। इस मौके पर अरबिद कुमार, मृत्यंजय कुमार, रमा भ्ज्ञारती, विरेश दास, उमा कुमारी, मो नौशाद आलम, डॉ प्रतिमा, नित्यानंद कुमार सिंह, प्रभा कुमारी, दुर्गेश कुमार, अलका कुमारी सहित दर्जनों शिक्षक उपस्थित थे।

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Posted By: Jagran
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