यात्रियों की जांच में लगी रही मेडिकल टीम

आरा। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत रविवार को जनता क‌र्फ्यू के दौरान मुंबई और पुणे से आरा रेलवे स्टेशन पर उतरे सैकड़ों यात्रियों का मेडिकल टेस्ट क्षत्रिया हाई स्कूल में बने मेडिकल कैंप में कराया गया। भोजपुर डीएम रोशन कुशवाहा, एसपी सुशील कुमार, एसडीओ अरुण प्रकाश के साथ भोजपुर जिले की मेडिकल टीम मौजूद थी। पहले से तय कार्यक्रम के मुताबिक सुबह 5:35 बजे आरा पहुंचने वाली 1101 क्षत्रपति शिवाजी टर्मिनल-पटना एक्सप्रेस से आरा उतरने वाले यात्रियों का मेडिकल टेस्ट कराया जाना था। इस बाबत रेलवे स्टेशन पर भारी संख्या में पुलिस बल के साथ रेलवे और जिला प्रशासन के अधिकारी अपनी ड्यूटी पर मुस्तैद हो गए थे। हालांकि उक्त ट्रेन अपने निर्धारित समय चार घंटे विलंब से 9:38 बजे आरा रेलवे स्टेशन पहुंची। स्टेशन पर उतरे कुल 36 यात्रियों को सुरक्षित तरीके से स्थानीय क्षत्रिय स्कूल स्थित मेडिकल कैंप पहुंचाया गया, जहां सभी यात्रियों की स्क्रीनिंग की गई। बाद में दादर-गोहाटी, मगध, पुणे-दानापुर एक्सप्रेस समेत कई अन्य ट्रेनों से आरा रेलवे स्टेशन पर उतरे सैकड़ों यात्रियों को भी सुरक्षित तरीके से मेडिकल कैंप पहुंचाया गया, जहां सभी यात्रियों का मेडिकल टेस्ट व स्क्रीनिग की गई। इस दौरान अधिकांश यात्रियों को होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दी गई। साथ ही उनके हाथ पर होम कोरंटाइन से संबंधित मुहर लगाकर कैंप से घर भेज दिया गया। -----------

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फोटो फाइल
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------------- कई होम कोरंटाइन यात्री को नहीं मिल रहे थे वाहन
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आरा: मुंबई और पुणे से काफी संख्या में आरा स्टेशन पर उतरे यात्रियों में से होम कोरंटाइन घोषित कुछ यात्री रविवार को दिनभर शहर की सड़को पर भटकते रहे। कारण उन्हे उनके गंतव्य तक पहुंचने के लिए बस तो दूर कोई छोटा वाहन तक नहीं मिल पा रहा था। मुंबई से आरा आया एक युवक पटेल बस पड़ाव पर दैनिक जागरण की टीम को मिला, जिसके हाथ पर होम कोरंटाइन का मुहर लगा था। उसने बताया कि वह मुंबई में वेल्डिग काम करता है। छपरा जिले का निवासी है। मेडिकल कैंप में उसके हाथ पर मुहर लगाकर घर जाने के लिए कहा गया है। छपरा जाने के लिए उसे कोई अन्य वाहन भी नहीं मिल रहा था, जिसके चलते युवक काफी परेशान था। इसी तरह पुणे से आरा आए चार मशाला व्यवसायी शाहपुर जाने के लिए वाहन की तलाश में स्टेशन रोड से पैदल चलते हुए जज कोठी मोड़ तक पहुंच गए थे। पर उन्हें वाहन नहीं मिला। इन व्यवसायियों के हाथों पर भी होम कोरंटाइन का मुहर लगा था।
---------- 75 मरीजो का सदर अस्पताल में हुआ इलाज
आरा: जनता क‌र्फ्यू के दौरान पूरे जिले में बंदी का माहौल कायम होने के बाद भी विभिन्न बीमारियों से ग्रसित 85 मरीजों का इलाज आरा सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में किया गया। हालांकि इन मरीजों कों दवाईयां नहीं मिलने से काफी हलकान होना पड़ा। कारण शहर की लगभग सभी दवा दुकानें भी बंद पड़ी थी। अस्पताल में स्थित जेनरिक दवा की दुकानों से उपलब्ध चंद दवाएं ही उन्हें मिल सकी।
Posted By: Jagran
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