17 साल पहले आज ही के दिन टूटा था भारतीय क्रिकेट का बहुत बड़ा सपना

23 Mar, 2020 01:48 PM | Saroj Kumar 1210

आज से ठीक 17 साल पहले यानी 23 मार्च 2003 को भारतीय क्रिकेट फैंस का एक खूबसूरत ख्वाब चकनाचूर हो गया था. 23 मार्च 2003 को भारत का दूसरी बार वर्ल्ड चैंपियन बनने का सपना रिकी पोंटिंग की ऑस्ट्रेलिया टीम ने तोड़ दिया था.



फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया के कप्तान रिकी पोंटिंग ने अपनी धुआंधार बल्लेबाजी के दम ऑस्ट्रेलिया को तीसरी बार वर्ल्ड चैंपियन बनाया.


भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच साउथ अफ्रीका के जोहानसबर्ग में हाई वोल्टेज वर्ल्ड कप 2003 का फाइनल मुकाबला खेला गया था. दोनों ही टीमों के लिए वर्ल्ड कप फाइनल तक का सफर शानदार था और दोनों ही टीम जबरदस्त फॉर्म में थी. एक तरफ ऑस्ट्रेलिया ने इस टूर्नामेंट के फाइनल मुकाबले में बिना कोई मैच हारे जगह बनाई थी. तो वहीं भारतीय टीम ने ग्रुप स्टेज में सिर्फ एक ही मैच हारा था और वो मैच ऑस्ट्रेलिया से था.


सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, युवराज सिंह, सौरव गांगुली, जवानगल श्रीनाथ हरभजन सिंह, आशीष नेहरा, और जहीर ख़ान जैसे स्टार खिलाडी टीम इंडिया में थे और फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया से बदला लेना का बेहतरीन मौका था.
भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने फाइनल मुकाबले में टॉस जीतकर गेंदबाजी करने का फैसला लिया. सौरव गांगुली की सोच थी कि वो ऑस्ट्रेलिया को कम स्कोर पर रोकर आसानी से रनचेज कर लेगें. लेकिन फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम को खुलकर खेलने का मौका देकर गांगुली ने गलती कर दी और विपक्षी टीम ने इसका जमकर फायदा उठाया.



पहले बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया के लिए सलामी बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट और मैथ्यू हेडन ने ताबड़तोड़ शुरुआत करते हुए पहले विकेट के लिए शतकीय साझेदारी की. भारतीय गेंदबाज इन दोनों को आउट करने के लिए पसीना बहा रहे थे. लेकिन दोनों ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज क्रीज पर जमे हुए थे. ऑस्ट्रेलिया को पहला झटका 105 के स्कोर पर लगा था. एडम गिलक्रिस्ट 48 गेंदों पर 57 रन बनाकर हरभजन सिंह का शिकार बने थे.
भारत ने फाइनल मुकाबले में 8 गेंदबाजों का इस्तेमाल किया था लेकिन उनमें से सिर्फ हरभजन सिंह ही सफल गेंदबाज रहे थे जिन्होंने दो विकेट चटकाए थे.


360 रन के बड़े लक्ष्य का पीछा करने उतरी टीम इंडिया की उम्मीदें सचिन तेंदुलकर से जुड़ी हुई थी. क्योंकि सचिन इस टूर्नामेंट में काफी अच्छी फॉर्म में थे. ऑस्ट्रेलिया को भी पता था कि लक्ष्य बड़ा है और वो सचिन को आउट नहीं कर पाए तो भारत मैच निकाल सकता है. लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने कोई गलती नहीं की और पहले ही ओवर में सचिन तेंदुलकर को ग्लेन मैक्ग्रा ने पवेलियन का रास्ता दिखा दिया.



सचिन तेंदुलकर के आउट होने के बाद भी भारत की जीत की उम्मीदें खत्म नहीं हुई थी. लेकिन सचिन के आउट होने के बाद वीरेंद्र सहवाग (82) और राहुल द्रविड (47) को छोड़कर कोई भी बल्लेबाज ज्यादा देर तक क्रीज पर नहीं टिक पाया और पूरी भारतीय टीम 39.2 ओवर में 234 के स्कोर पर ही सिमट गई. भारत ये मुकाबला 125 रनों से हारा और ऑस्ट्रेलिया ने तीसरी बार वर्ल्ड कप ट्रॉफी उठाई.



कप्तान रिकी पोंटिंग की 140 रन की धुआंधार पारी के लिए 'मैन ऑफ द मैच' चुना गया. वहीं भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर को 'प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट' का खिताब दिया गया. सचिन तेंदुलकर ने इस पूरे टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा 673 रन बनाए थे.


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