लॉकडाउन के बाद भी घर से बाहर निकल रहे थे लोग, सड़कों पर उतरे 60,000 जवान और फिर बदल गई राजधानी दिल्ली की तस्वीर!

पहले दिन ढीले 'लॉकडाउन' के बाद सख्त हुई दिल्ली पुलिस ने दूसरे दिन यानि मंगलवार राजधानी में लागू 'लॉकडाउन' की तस्वीर ही बदल दी। लॉकडाउन के दूसरे दिन करीब 60 हजार से ज्यादा का फोर्स (दिल्ली पुलिस एवं अर्धसैनिक बल) सड़कों पर उतार दिया। इसी के चलते 'लॉकडाउन' के दौरान दिल्ली की सड़कें सोमवार की तुलना में मंगलवार को कहीं ज्यादा सूनी दिखी।

आईएएनएस की टीम ने मंगलवार दोपहर करीब साढ़े ग्यारह बजे से दो बजे के बीच देश की राजधानी के तमाम हिस्सों (मंडावली, मयूर विहार फेज-3, त्रिलोकपुरी, कल्याणपुरी, आईपीएक्सटेंशन, जाफराबाद, वेलकम, कड़कड़डूमा गांव के आसपास, सूरजमल विहार, भोलानाथ नगर, कनाट प्लेस, आईटीओ, लक्ष्मी नगर, पांडव नगर, गणेश नगर, निर्माण विहार, प्रीत विहार, सराय काले खां, डीएनडी, लाजपत नगर, लोधी रोड, निजामुद्दीन बस्ती, इंडिया गेट) का दौरा करने के बाद यह सब देखा। जिस आबादी में लॉकडाउन के पहले दिन यानि सोमवार 24 मार्च को 'लॉकडाउन' की सही परिभाषा ही नहीं पता थी। मंगलवार को दिल्ली पुलिस द्वारा अचानक बढ़ाए गए फोर्स और इंतजामात ने सब कुछ खुद-ब-खुद ही दिल्ली वालों को परिभाषित कर दिया। बिना कुछ बोले कहे सुने, सिर्फ अपनी मौजूदगी भर से।
'लॉकडाउन' और कर्फ्यू तथा सीआरपीसी की धारा-144 की ताकत, परिभाषा और तीनों के बीच क्या अंतर है? अचानक रातों-रात दिल्ली की सड़कों पर उतरी पुलिस फोर्स ने यह सब भी आमजन को बता-समझा दिया। 'लॉकडाउन' की ताकत क्या होती है? दक्षिणी-पूर्वी जिले में 100 दिन से चले आ रहे शाहीनबाग और उत्तर पूर्वी दिल्ली के जाफरबाद में चले आ रहे लंबे धरने को पुलिस ने शांतिपूर्ण तरीके से मंगलवार को चंद घंटों में खत्म कराके सबको बता-समझा दिया।
उल्लेखनीय है कि, शाहीन बाग का धरना खत्म कराने के लिए 100 दिन से देश की हुकूमत (दिल्ली पुलिस और केंद्रीय गृह मंत्रालय) ताकत लगा रही थी। धरने पर बैठे लोग थे कि, किसी की बात सुनने को राजी नहीं थे। कितनी बार तो इस धरने को लेकर गोलियां तक खुलेआम चलीं। वहीं जाफराबाद के जिस धरने ने 24-25 फरवरी 2020 को हुए दंगों में (उत्तर पूर्वी दिल्ली के जाफरबाद, सीलमपुर, दयालपुर, भजनपुरा, चांदबाग, मुस्तफाबाद, शिव विहार, गोकुलपुरी, यमुना विहार) 52 से ज्यादा लोगों को अकाल मौत की नींद सुलवा दिया। हजारों घायल हुए लोग आज भी अस्पतालों में पड़े, जिस धरने-दंगे के की बदौलत जिंदगी मौत से जूझ रहे हैं, उस जाफराबाद के धरना स्थल के तंबू दिल्ली पुलिस ने घंटों में बिना किसी विवाद के उखड़वा दिये।
दिल्ली पुलिस कमिश्नर एस.एन. श्रीवास्तव ने सोमवार दिन के वक्त 'लॉकडाउन' को कई इलाकों में हल्के में लिये जाने का पता लगा लिया। लिहाजा हालात बेकाबू और 'लॉकडाउन' बे-असर साबित हो, उससे पहले ही दिल्ली पुलिस ने कमिश्नर ने इसे अघोषित कर्फ्यू सा करार दिलवाने की योजना अमल में ला दी। राष्ट्रीय राजधानी की सीमाएं सोमवार रात आठ बजे से ही सील कर दीं। साथ ही दिल्ली में अन्य राज्यों से आने जाने वालों को 'कर्फ्यू-पास' जारी कराने का हुक्म सुना दिया।
इसी तमाम कसरत के अंतर्गत दिल्ली से बाहर आने जाने वालों पर पाबंदी लगा दी गई। इस शर्त के साथ कि सरकारी कर्मचारियों, मीडिया से जुड़े कर्मचारियों-पत्रकारों के अलावा कोई भी बिना 'कर्फ्यू पास' के दिल्ली की सीमा नहीं लांघ पाएगा। आनन-फानन में संबंधित जनमानस को बता दिया गया कि, कर्फ्यू-पास किस राज्य के आगंतुक को किसी जिला डीसीपी के कार्यालय से जारी होगा।
दिल्ली पुलिस आयुक्त एस.एन. श्रीवास्तव के स्टाफ आफिसर डीसीपी विक्रम के. पोरवाल ने मंगलवार को आईएएनएस से कहा, "कर्फ्यू पास के लिए हमने इसका विशेष ध्यान रखा कि, किसी को भी दूर न भटकना पड़े। मसलन अगर गुरुग्राम (हरियाणा) में कोई रहता है। तो उसे दिल्ली की सीमा के अंदर मौजूद करीबी संबंधित जिला डीसीपी दफ्तर (दिल्ली पुलिस) से कर्फ्यू पास जारी हो जाये।"
विक्रम पोरवाल ने आगे कहा, "जो लोग प्राइवेट नौकरी करते हैं, उन्हें उनके संस्थान द्वारा कर्फ्यू पास जारी करवा के देना होगा। संस्थान अपने कर्मचारियों के कागजात, फोटो इत्यादि एक साथ बाकी तमाम डिटेल के डीसीपी दफ्तर में दाखिल करें। संस्थान का कोई भी एक कर्मचारी डीसीपी दफ्तर जाकर कर्फ्यू पास ले सकता है। हर कर्मचारी को डीसीपी दफ्तर अलग-अलग अपने अपने कर्फ्यू-पास के लिए जाने-आने की जरूरत नहीं है।"
डीसीपी विक्रम के. पोरवाल के मुताबिक, "लॉकडाउन को सख्ती से लागू कराने के लिए मंगलवार को 60 हजार से ज्यादा जवानों को दिल्ली में तैनात किया गया। थानों का अधिकांश पुलिस फोर्स आज (मंगलवार 24 मार्च 2020) सुबह से ही इलाके में मौजूद है। दिल्ली पुलिस कंट्रोल रुम का पूरा स्टाफ सड़क पर है। ट्रैफिक पुलिस का भी स्टाफ आज लॉकडाउन को सख्ती से लागू कराने में ही लगा है। इसके अलावा दिल्ली पुलिस रिजर्व फोर्स और अर्धसैनिक बलों की भी 150 कंपनी से ज्यादा फोर्स दिल्ली की सड़कों पर मौजूद है।"
आईएएनएस के साथ बातचीत में डीसीपी पोरवाल ने माना कि, सोमवार की तुलना में मंगलवार को राजधानी में 'लॉकडाउन' का असर कहीं ज्यादा नजर आ रहा है।

अन्य समाचार