CoronaVirus से संक्रमित प्रत्येक भारतीय इसे 4 और लोगों में फैला सकता है : ICMR स्टडी

इंडियन मेडिकल काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) मैथमैटिकल मॉडलिंग पर आधारित तथ्यों का यह अध्ययन फरवरी के अंत तक के आंकड़ों पर आधारित है जब कोरोना देश में अपने दूसरे चरण में प्रवेश नहीं किया था।

संक्रमण फैलने के सबसे अच्छे संदर्भ में नए कोरोना वायरस (Sars-Cov-2) से संक्रमिए एक भारतीय औसतन 1.5 लोगों को संक्रमित करेगा। लेकिन यदि यह संक्रमण बुरी तरह से फैलता है तो प्रत्येक नया संक्रमित व्यक्ति चार और लोगों में इस बीमारी को फैला देगा। ऐसा दावा किया गया है इंडियन मेडिकल काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के ताजा अध्ययन में।
महामारी के लक्षणों पर रिप्रोडक्शन नंबर के नाम से सामने आए हालिया अध्ययन में वायरस के तेजी से फैलने का बारे में आंकड़े जुटाए गए हैं। एक से कम संक्रमण होने का मतलब है कि वायरस खत्म होने वाला है, जबकि दो संक्रमण होने का तात्पर्य है कि गहन जांच के बिना इस पर काबू पाना मुश्किल है।
आईसीएमआर के इस अध्ययन का नाम - 'Prudent public health intervention strategies to control the coronavirus disease 2019 transmission in India: A mathematical model-based approach' है। हालांकि इस स्टडी में फरवरी के अंत के ही आंकड़ों को शामिल किया गया है। तब भारत में कारोना का दूसरा चरण शुरू नहीं हुआ था। अब देश में कोरोना पीड़ित लोगों की संख्या 500 के करीब पहुंच गई है और अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया कि क्वारेंटाइन करने से इस महामारी को 62% से 89% तक फैलने से रोकने में कामयाबी मिल सकती है।
आईसीएमआर के इपिडेमिलॉजी प्रमुख डॉ. रमन आर गंगखेडकर ने कहा, 'अध्ययन फरवरी में किया गया जब संक्रमित लोगों की संख्या ज्यादा नहीं थी। हमारा मकसद यह नहीं था कि पता चले कि देश में कितने मरीज होंगे लेकिन यह तकनीक उपयोगी साबित हो सकती है। लॉकडाउन और थर्मल स्क्रीनिंग जिस प्रकार से काम कर रही है वह हमारे अध्ययन के अनुरूप है।'
इस अध्ययन में कहा गया है कि सोशल डिस्टेंसिंग समस्या को काबू करने का प्रमुख हथियार साबित होगा। यात्रियों की स्क्रीनिंग करने से समुदाय में कोरोना वायरस को फैलने से 1-3 हफ्तों के लिए टाला जा सकता है।
संदिग्ध मामले वाले लोगों को उनके घरों में सख्ती के साथ क्वारेंटाइन जैसे सोशल डिस्टेंसिंग उपयों को लागू किया जाता है तो 62 से 89 फीसदी तक संक्रमण को कम किया जा सकता है।

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