हृदय संबंधी रोगों को दूर करते हैं ये 4 योग मुद्राएं, जानिए कैसे करें अभ्यास

जीवन को लंबा और स्वस्थ बनाए रखने के लिए हृदय को स्वस्थ बनाए रखना बहुत जरूरी है। इसके लिए आपको रोजाना अच्छे आहार के साथ सही व्यायाम करने की आवश्यकता होती है। फिटनेस को बनाए रखने के लिए योग सबसे बढ़िया विकल्प है। योग की कई ऐसी मुद्राएं हैं, जिनके अभ्यास से आप हृदय को स्वस्थ रखने के साथ-साथ कई स्वास्थ्य लाभ ले सकते हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे ही 4 योग मुद्राओं के बारे में बताएंगे...

अपान वायु मुद्रा अपान वायु मुद्रा का अभ्यास हृदय रोगियों के लिए बहुत लाभदायक है। इसके अभ्यास से कार्डियक अरेस्ट से पीड़ित व्यक्ति को तुरंत राहत प्रदान करता है और इससे रक्तचाप को ठीक रखने में सहायता मिलती है। इसके साथ ही इस मुद्रा के अभ्यास से पेट की गैस एवं शरीर की बेचैनी भी दूर हो जाती है। अपान वायु मुद्रा का अभ्यास करने के लिए सीधा बैठ जाएं और अपने दोनों हाथों को अपने घुटनों पर रख लें और हथेलियां उपर की तरफ कर लें। अब अपने हाथ की तर्जनी अंगुली को मोड़कर अंगूठे के पास ले लाएं और बीच की दोनों अंगुली के प्रथम पोर को अंगूठे के प्रथम पोर से स्पर्श कर हल्का दबाएं और कनिष्ठिका अंगुली को सीधी रहने दें। आंखे बंद करके इस अवस्था में कम से कम 20 से 30 मिनट तक रहें।
प्राण मुद्रा इस मुद्रा को प्राणशक्ति का केंद्र माना जाता है। प्राण मुद्रा के अभ्यास से प्राणशक्ति बढ़ती है। इसे करने के लिए पद्मासन में बैठें और दोनों हाथों को अपने घुटनों पर रख कर हथेलियों को उपर की ओर रखें। अब अपने हाथ की सबसे छोटी अंगुली और उसके बगल वाली अंगुली के पोर को अंगूठे के पोर से सटा लें। आप अपने जरूरत के अनुसार इसे कर सकते हैं। यह मुद्रा हृदय संबंधी समस्याओं को दूर करता है । इतना ही नहीं इसके अभ्यास से उच्च रक्तचाप और मधुमेह की परेशानी कम होती है।
सूर्य मुद्रा सूर्य मुद्रा के अभ्यास से शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ जाता है और आलस्य खत्म हो जाती है। यह मुद्रा मोटापा, डायबिटीज, थायरायड आदि जैसे समस्याओं में बहुत फायदेमंद है। इसके अभ्यास से हृदय भी स्वस्थ रहता है। सूर्य मुद्रा के अभ्यास के लिए सीधे बैठ जाएं और हाथ की सबसे छोटी अंगुली के बगल वाले उंगली को मोड़कर अंगूठे के पोर से लगा लें।
लिंग मुद्रा लिंग मुद्रा को पुरुषत्व का प्रतीक माना जाता है। मधुमेह की समस्या में यह मुद्रा बहुत लाभदायक है। मधुमेह और मोटापा ऐसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हैं जो आपके हृदय को नुकसान पहुंचाती हैं। इसके अभ्यास के लिए दोनों हाथों की अंगुलियों को परस्पर एक-दूसरे में मिलाएं और एक अंगूठे को सीधा रखें तथा दूसरे अंगूठे से पीछे से लाकर घेरा बना दें। इस अभ्यास को कम से कम 15 से 16 मिनट तक करें।

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