Bihar Board Inter Result 2020 : बिहार बोर्ड इंटर के नतीजे अब तक नहीं चेक किए हैं तो यहां करें चेक

बिहार स्कूल एजुकेशन बोर्ड ( BSEB )ने इंटर 2020 (Bihar board inter exam resut 2020) परीक्षा के नतीजे मंगलवार को घोषित किए। हालांकि कोरोना वायरस महामारी की स्थिति के मद्देनजर परीक्षाफल की घोषणा के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन नहीं किया गया। बिहार बोर्ड के नतीजे ऑनलाइन ही जारी किए। बिहार बोर्ड के इंटरमीडिएट रिजल्ट 2020 को आप हमारी वेबसाइट 'लाइव हिन्दुस्तान' पर भी आसानी से औऱ सबसे पहले नतीजे चेक कर सकते हैं। नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके आप हर संकाय का रिजल्ट पा सकते हैं।

यहां भी देख सकते हैं नतीजे
नतीजे https://onlinebseb.in व biharboardonline.bihar.gov.in पर जाकर चेक किए जा सकते हैं। बिहार बोर्ड ने सभी बोर्ड्स में सबसे पहले इंटर का रिजल्ट जारी कर एक कीर्तिमान बना दिया। परीक्षा समाप्ति के बहुत कम दिनों बाद ही बोर्ड ने मंगलवार को तीनों संकायों का रिजल्ट जारी कर दिया। बिहार बोर्ड मंगलवार को सुबह टॉपरों के वीडियो कॉल से इंटरव्यू लिए। उसके बाद शाम को रिजल्ट जारी कर दिया । ऐसे समय में जब कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए अधिकांश परीक्षा बोर्ड अपनी अपनी परीक्षाएं और मूल्यांकन का कार्य स्थगित कर रहे हैं, बिहार बोर्ड 12वीं का रिजल्ट जारी कर दिया है।
इस बार 80.44 प्रतिशत विद्यार्थी परीक्षा सफल रहे हैं। पिछले साल 79.76 प्रतिशत विद्यार्थी इंटरमीडिएट परीक्षा में बाजी मारी थी। इस तरह इस साल 0.68 प्रतिशत अधिक रिजल्ट रहा है। गौरतलब है कि तीन फरवरी से इंटरमीडिएट की परीक्षा शुरू हुई थी। दावा है कि देश में बिहार बोर्ड सबसे पहले रिजल्ट जारी किया है।
ये हैं टॉपर
विज्ञान संकाय में नेहा कुमारी ने 476 अंक (95.2 फीसदी) लाकर सूबे में अव्वल रही है। वहीं वाणिज्य संकाय में कौसर फातिमा और सुधांशु नारायण चौधरी 476(95.2 फीसदी) अंक लाकर संयुक्त रूप से टॉपर बने हैं। कला संकाय में साक्षी कुमारी ने 474(94.80 फीसदी) अंक प्राप्त प्रथम स्थान प्राप्त किया है। लिया है। कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए इस बार रिजल्ट जारी करने के लिए कोई प्रेस कांफे्रंस आयोजित नहीं किया गया। सीधे बोर्ड की वेबसाइट http://onlinebseb.in और biharboardonline.bihar.gov.in पर रिजल्ट जारी कर दिया गया।
3. 12 लाख से ज्यादा परीक्षा में हुए थे शामिल रिजल्ट में तीनों संकाय मिलाकर कुल 12 लाख 04 हजार 834 विद्यार्थी शामिल हुए थे। इसमें छह लाख 56 हजार 301 छात्र और पांच लाख 48 हजार 533 छात्राएं शामिल हुए। प्रथम श्रेणी में चार लाख 43 हजार 284, द्वितीय श्रेणी में चार लाख 69 हजार 439 और तृतीय श्रेणी में 56 हजार 115 विद्यार्थी सफल हुए।
रिजल्ट तैयार करने के लिए नए सॉफ्टवेयर का किया इस्तेमाल बिहार बोर्ड का कहना है कि रिजल्ट जल्दी देने के लिए उनलोगों ने एक विशेष साफ्टवेयर का इस्तेमाल किया। यह सॉफ्टवेयर विशेष तौर पर डिजायन किया गया था। इस वजह से रिजल्ट प्रोसेसिंग की क्षमता 16 गुना बढ़ गई। जिससे रिजल्ट जल्द जारी किया जा सका।
व्हाट्सएप से ही किया वेरीफिकेशन कोरोना वायरस महामारी की स्थिति में बोर्ड ने तीनों संकायों कला, विज्ञान और वाणिज्य में टॉप-5 स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों का वेरिफिकेशन एवं इंटरव्यू मोबाइल पर व्हाट्सएप के माध्यम से वीडियो कॉलिंग से विषय विशेषज्ञों द्वारा किया गया। विज्ञान संकाय का रिजल्ट विज्ञान संकाय में पांच लाख से अधिक विद्यार्थी- विज्ञान संकाय में कुल 505467 विद्यार्थी शामिल हुए। इसमें से प्रथम श्रेणी से 224971, 162471 विद्याथी द्वितीय श्रेणी और 3601 विद्यार्थी तृतीय श्रेणी से उत्तीर्ण हुए। इस तरह कुल 391199 व 77.39 प्रतिशत विद्यार्थी सफल हुए।
वाणिज्य स्ट्रीम का रिजल्ट वाणिज्य संकाय में 71 हजार विद्यार्थी शामिल हुए-वाणिज्य संकाय में 71004 विद्यार्थी शामिल हुए। इसमें 43296 विद्यार्थी प्रथम श्रेणी, 20514 द्वितीय श्रेणी और 2401 विद्यार्थी तृतीय श्रेणी से पास हुए हैं। इस तरह 66215 विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए, जो कुल विद्यार्थियों का 93.26 प्रतिशत है।
कला संकाय का रिजल्ट कला संकाय से छह लाख से ज्यादा शामिल हुए-कला संकाय से 628363 विद्यार्थी शामिल हुए। इसमें से 175017 विद्यार्थी प्रथम श्रेणी, 286454 विद्यार्थी द्वितीय श्रेणी और 50113 विद्यार्थी तृतीय श्रेणी से उत्तीर्ण हुए। इस तरह इस संकाय में 511745 विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए, जो परीक्षा में शामिल हुए विद्यार्थियों का 81.44 प्रतिशत है।
4 साल में 44.58 फीसदी बढ़ा रिजल्ट बिहार बोर्ड के इंटर रिजल्ट में हर साल सुधार हो रहा हैं। जहां रिजल्ट तैयार करने में नये सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जा रहा है। वहीं हर साल उत्तीर्णता का प्रतिशत भी बढ़ रहा है। बेहतर टेक्नोलॉजी वस्तुनिष्ठ प्रश्न को शामिल करने का असर है कि पिछले चार साल में इंटर रिजल्ट में 44.58 फीसदी तक बढ़ा है। पहले असफल विद्यार्थियों की संख्या अधिक होती थी। लेकिन अब उत्तीर्ण होने वाले छात्रों की संख्या बढ़ रही हैं। रिजल्ट मे यह परिवर्तन 2017 से लगातार हो रहा हैं। भले 2019 की तुलना में 2020 में 0.68 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। लेकिन अगर 2017 से 2020 की बात करें तो 44.58 फीसदी रिजल्ट बढ़ा है। सीबीएसई और आईसीएसई की तरह बिहार बोर्ड में भी उत्तीर्णता का प्रतिशत बढ़े, इसके लिए बोर्ड ने 2018 में सभी विषयों में 50 फीसदी वस्तुनिष्ठ प्रश्नों को लागू किया। इसके अलावा लघुउत्तरीय प्रश्नों में 50 फीसदी अतिरिक्त विकल्प दिया गया। इसका असर है कि 2017 की तुलना में 2018 में 17 फीसदी रिजल्ट मे बृद्धि है। इसके बाद 2020 में विकल्प वाले प्रश्नों की संख्या बढ़ा दी गयी। इसका असर हुआ कि छात्रों को विकल्प वाले प्रश्न अधिक मिले। इससे प्रश्न छूटने की दिक्कतें नहीं हुई। विकल्प वाले प्रश्नों की सुविधा मिलने से अधिकतर छात्रों ने सारे प्रश्न का उत्तर दिया। इससे रिजल्ट में बढ़ोतरी हुई।

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