WHO: कोरोना वायरस हवा में रह सकता है इतने समय तक जिंदा, घर में भी रहें सुरक्षित

कोरोना का कहर हर जगह छाया हुआ है। यहां तक कि पूरा विश्व इसकी चपेट में है। कोरोनावायरस को लेकर बीते कुछ समय से दावा किया जा रहा था कि कोरोना वायरस हवा में जिंदा नहीं रह सकता, क्योंकि इसके स्पाइक को सतह से चिपकना होता है। अब वुहान की सेंट्रल यूनिवर्सिटी और सिंगापुर यूनिवर्सिटी के शोधों से स्पष्ट है कि कोरोना वायरस हवा में जिंदा रह सकता है। यह अपवाद स्थिति है, लेकिन नामुमकिन नहीं है।

हवा में जिन्दा रह सकता है वायरस:
वुहान सेंट्रल यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों ने पाया कि 1.1 घंटे से लेकर दो घंटे तक कोरोना वायरस आराम से जिंदा रह सकता है। इसने हवा में जिंदा रहने के लिए वही रणनीति अपनाई है जो इसके ही दूर के रिश्तेदार सार्स के सीओवी वायरस ने अपनाई थी।
डब्ल्यूएचओ की आपातकालीन सेवाओं और पशुजन्य रोगों के विभाग की प्रमुख डॉ. मारिया वेन केरखोव ने आधिकारिक रूप से चेतावनी दी है कि नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) एयरबॉर्न (हवा में जिंदा रहना) हो सकता है। डॉ. मारिया ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि एरोसॉल (हवा और वाष्प का मिश्रण) पैदा करने वाले मेडिकल उपकरण के कारण कोरोना वायरस हवा में जिंदा रह सकता है। यह अपवाद स्थिति है, लेकिन संभावित स्थिति है।

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